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पहली बार रखने जा रही हैं हरियाली तीज का व्रत ? इन बातों का रखें खास ख्याल

First Time Hariyali Teej Fast:हरियाली तीज सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित है, यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याओं के लिए मनचाहे वर की प्राप्ति का प्रतीक है.

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Anurag Tiwari
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First Time Hariyali Teej Fast

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First Time Hariyali Teej Fast: श्रावण मास (सावन) भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. इस महीने में शिव जी की पूजा और व्रत विशेष महत्व रखते हैं. हरियाली तीज, सावन महीने का एक खास त्योहार है जो मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित होता है. हरियाली तीज का पर्व विवाहित महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही, कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं.

हरियाली तीज 2024: कब और कैसे मनाएं

पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज मनाई जाती है. इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024, बुधवार को रखा जाएगा. इस पर्व को मनाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके.

व्रत से पहले मेंहदी लगाना जरूरी

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पतियों के लिए व्रत रखती हैं और विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस दिन मेंहदी लगाने का विशेष महत्व बताया गया है. यह पर्व नवविवाहित महिलाओं के लिए खास होता है क्योंकि यह वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है.

हरे रंग के कपड़े पहनें

हरियाली तीज के दिन नवविवाहित महिलाओं को हरे रंग की साड़ी या सूट पहनना चाहिए और सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. हरियाली तीज व्रत सुखी जीवन और समृद्धि का प्रतीक माना गया है.

निर्जला व्रत का महत्व

हरियाली तीज का व्रत बिना कुछ खाए-पिए रखा जाता है यानी यह व्रत निर्जला रखा जाता है. रात को चांद की पूजा करने के बाद ही व्रत खोला जाता है. अगर आप किसी कारण निर्जला व्रत नहीं रख सकती हैं, तो आप फलाहार व्रत रखने का संकल्प कर सकती हैं.

सोलह श्रृंगार का महत्व

हिंदू धर्म में माता पार्वती को स्त्रीत्व और सुहाग की देवी माना गया है और 16 श्रृंगार को उनका प्रतीक माना जाता है. इसलिए हरियाली तीज पर माता पार्वती की पूजा करते समय 16 श्रृंगार करना बिल्कुल ना भूलें. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

व्रत कथा का महत्व

हरियाली तीज का व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के साथ ही, हरियाली तीज की व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.

सुहाग का सामान भेंट करें

हरियाली तीज का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं पूजा के बाद माता रानी को चढ़ाया हुआ सिंदूर अपनी मांग में भरें और पति की लंबी आयु की कामना करें. इस दिन महिलाएं अपनी सास या सास के समान किसी महिला को सुहाग का सामान भेंट कर सकती हैं.

चंद्रमा को अर्घ्य देना

हरियाली तीज व्रत रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खोला जाता है. कई महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में भी व्रत खोलती हैं. व्रत पारण में पूजा में भोग लगाया हुआ प्रसाद सबसे पहले ग्रहण करें और इसके बाद ही भोजन करें.

पति की लंबी उम्र के लिए व्रत

हरियाली तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि इस दिन महिलाएं पारंपरिक वस्त्र पहनकर, मेहंदी लगाकर और पूजा कर सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र के आशीर्वाद के लिए कामना करती हैं. नवविवाहिताओं के लिए मेहंदी का विशेष महत्व होता है जो कि उनके सुहाग और वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है.

हरियाली तीज का पर्व न केवल धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है, बल्कि यह महिलाओं के जीवन में खुशी और समृद्धि लाने का भी प्रतीक है. इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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