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Amarnath Yatra 2025 Photograph: (Social Media)
Amarnath Yatra 2025: चारधाम की यात्रा पर जहां हर दिन हजारों और लाखों की संख्या में भक्त कठिन चढ़ाई करके पहुंच रहे हैं. वहीं अब श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा पर जाने की भी तैयारी शुरू कर दी है. हर साल सैकड़ों भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं. स साल अमरनाथ की यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी, जो 9 अगस्त तक चलेगी. जिसके लिए महीनों पहले ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाता है. अमरनाथ यात्रा जाने के लिए आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से पंजीकरण करा सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि आप बाबा के दर्शन कैसे कर सकते हैं और यात्रा की पूरी जानकारी.
जाने का रास्ता
अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए पहलगाम और बालटाल दो प्रमुख रास्ते हैं. पहलगाम से इसे पूरा करने में 3-4 दिन लगते हैं. यह लंबा लेकिन आरामदायक है, मार्ग है. वहीं, बालटाल से अमरनाथ की दूरी 14 किलोमीटर है और इसे 1-2 दिन में पूरा किया जा सकता है.लेकिन यह रास्ता ऊबड़खाबड़ और सीढ़ी चढ़ाई वाला है. तो अगर आप अनुभवी ट्रेकर हैं तो ही इस रास्ता का चुनाव करें.
इतना होगा खर्चा
बाबा अमरनाथ यात्रा के दर्शन के लिए आपको ज्यादा खर्चा पहलगाम और बालताल तक जाने का ही पड़ता है. उसके बाद वहां पहुंचने पर आपको खाने से लेकर रहने तक का फ्री इंतजाम मिल जाएगा. अगर आपको पैसे देने भी पड़ते हैं तो टेंट के लिए जो काफी कम है अगर आप पैदल यात्रा पर जा रहे हैं तो खर्च कम पड़ेगा, लेकिन अगर आप घोड़ा या पालकी लेते हैं तो उसके लिए अलग से पैसे देने होंगे.
रजिस्ट्रेशन
वैसे अमरनाथ यात्रा भले ही जुलाई के महीने में शुरू होती है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अप्रैल से ही जारी रहती है. श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. इसके लिए आपको मेडिकली फिट होना भी जरूरी है. आपको अपना मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है. फॉर्म भरने पर अपना सर्टिफिकेट अपलोड करना होता है, जिसके बाद आपके रजिस्ट्रेशन की प्रकिया पूरी होती है.
इस तरीके से करें जल्दी दर्शन
बालटाल से दोमेल के लिए आपको फ्री बैट्री रिक्शा और बस भी मिलती है, जिससे पैदल यात्रा की दूरी करीब 2 किलोमीटर कम हो जाती है. दोमेल गेट से एंट्री सुबह 4 बजे से 10 बजे तक होती है. इसके बाद आपकी यात्रा शुरू होती है. रास्ते में आपको कई भंडारा मिलेगा, जह पर आप आराम से खाना खा सकते हैं. अगर आप घोड़े से जाना चाहते हैं तो आपको 4 से 5 हजार रुपये तक देने होंगे. वहीं पालकी का रेट आने-जाने का 8 हजार रुपये है. घोड़े और पालकी वाले गुफा से एक किलोमीटर दूर ही छोड़ देते हैं, वहां से आपको पैदल ही जाना पड़ेगा. अगर आपको आराम से दर्शन करना है तो बेहतर होगा कि आप सुबह जल्दी निकलें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.