मृत्यु दुनिया एक ऐसा सच है. जिससे हर कोई भागना चाहता है, लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो कि जीवन और मृत्यु का रहस्य जानना चाहते हैं कि आखिर मरने के बाद क्या होता है. आत्मा कैसे निकलती है. सिद्ध योगियों का कहना है कि काल की तरह जीवन भी असीम ओर अनंत है. जीवन का न तो कभी प्रांरभ होता है और न ही कभी अंत. लोग जिसे मृत्यु कहते हैं वह मात्र उस शरीर का अंत है जो प्रकृति के पांच तत्वों (पृथ्वी,जल,वायु,अग्री और आकाश) से मिलकर बना था. आत्मा के बारे में सारी जानकारी गरुड़ पुराण में दी गई है.
गरुड़ पुराण
गरुड़ पुराण के अनुसार, मरने के बाद आत्मा को नया शरीर मिलने की प्रक्रिया काफी जटिल है. जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसकी आत्मा 24 घंटे के अंदर एक बार फिर से धरती पर लौटती है. इसके बाद परिजनों द्वारा 13वीं करने के बाद उसे नया शरीर मिलता है. गरुड़ पुराण मृत्यु, आत्मा की यात्रा, कर्मफल और पुनर्जन्म के सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन करता है. आत्मा को नया शरीर कब और कैसे मिलता है, यह पूरी तरह से उसके कर्मों पर निर्भर करता है.
शरीर मिलने की प्रक्रिया
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति मरता है, तो यमदूत उसकी आत्मा को 24 घंटे के लिए अपने साथ यमलोक ले जाते हैं, जहां उसे पूरे जीवन का लेखा-जोखा दिखाया जाता है. मरने के बाद आत्मा को यमलोक जाना पड़ता है, जहां उसके कर्मों का लेखा-जोखा तैयार किया जाता है. इस लेखे के अनुसार, आत्मा को स्वर्ग या नरक में भेजा जाता है. अगर आत्मा के कर्म अच्छे हैं, तो उसे स्वर्ग में भेजा जाता है और अगर कर्म बुरे हैं, तो उसे नरक में भेजा जाता है.
प्रेत रूप में आत्मा
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)