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Ram Navami 2022 पर जानें श्रीराम के ननिहाल के बारे में, जहां भगवान हैं लोगों के भांजे

फिलहाल नवरात्रि (Navratri 2022) चल रही है और हर कोई उस त्योहार के उमंग में है. कल रामनवमी (Ram Navmi 2022) का त्योहार है. आपको बता दें कि भगवान राम का ननिहाल भी है. जहां उन्हें लोग अपना भांजा मानते हैं और पूजते हैं.

Updated on: 10 Apr 2022, 07:44 AM

नई दिल्ली:

फिलहाल नवरात्रि (Navratri 2022) चल रही है और हर कोई उस त्योहार के उमंग में है. कल रामनवमी (Ram Navami 2022) का त्योहार है. जिसे लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम का ननिहाल (Maternal home of shriram in Raipur) भी है. जहां उन्हें लोग अपना भांजा मानते हैं और पूजते हैं. श्रीराम के ननिहाल में उनकी माता कौशल्या का मंदिर भी है. रामनवमी के खास मौके पर हम आपको उस मंदिर के बारे में बताने वाले हैं. जिस जगह आप भी जरूर जाना चाहेंगे. बता दें कि ये जगह कहीं और नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित है. श्रीराम को भांजे के रूप में पूजने की ये परंपरा वहां पिछले कई सालों से चली आ रही है. लेकिन इस बार ये और भी खास हो जाती है, क्योंकि यहां हाल ही में माता कौशल्या का मंदिर (Maa Kaushalya Temple) बना है.

जैसा कि हम जानते हैं कि भांजों के लिए मामा के दिल में काफी सम्मान और लाड़-प्यार होता है. भारत में कई जगहों पर मामा अपने भांजे के पैर भी छूते हैं और उनका आदर सत्कार करते हैं. ऐसे में जब छत्तीसगढ़ के निवासी श्रीराम (People of Chhattisgarh consider Shri Ram as nephew) को अपना भांजा मानते हैं, तो उनका सम्मान दोगुना हो जाता है. आपको बता दें कि रायपुर से 25 किलोमीटर दूर चंद्रखूरी गांव में माता कौशल्या का एकमात्र मंदिर है, जो कई सालों पुराना है. इस मंदिर में माता कौशल्या अपने लाड़ले श्रीराम को गोद में लिए हुए विराजमान हैं. उनकी ये मूर्ति लोगों का मन मोह लेती है. 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते साल अक्तूबर के महीने में प्राचीन कौशल्या मंदिर की जगह एक भव्य मंदिर का लोकार्पण किया गया था. यह शुभ काम प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Bhaghel) ने किया था. लोकार्पण को पूरे छ महीने हो गए हैं. ऐसे में रामनवमी (Ram Navami) के मौके पर इस मंदिर में भक्तों की झड़ी लगने वाली है. इससे पहले ही मंदिर को विधिवत तरीके से सजाया गया है. जिसके बाद कल मंदिर की शोभा देखते ही बनेगी. जिसे देखने दूर-दूर से लोग पहुंचने वाले हैं.

गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि के तौर पर यहां मां कौशल्या महोत्सव (Maa Kaushalya Mahotsav) का आयोजन 8 अप्रैल से किया गया था. जिसकी शुरुआत कलश यात्रा से की गई. इस दौरान भजन मंडलियों द्वारा मानस गान भी किया गया. बता दें कि मानस गान का आयोजन हर साल किया जाता है. लेकिन इस बार इसकी भव्यता में चार चांद लग गए.