New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2024/02/09/tamil-kodaikanal-16-77.jpg)
टूटते तारों( Photo Credit : Social Media)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
क्या टूटते तारों को देखकर की गई मनोकामनाएं सच में पूरी होती हैं. आज हम इसके बारे में जानेंगे.
टूटते तारों( Photo Credit : Social Media)
क्या आप भी मानते हैं कि टूटते तारों को देखकर की गई कोई भी मन्नत पूरी होती है? आपने ऐसी कई फिल्में देखी होंगी जहां लोग टूटते तारों को देखकर मन्नत मांगते हैं ताकि वह मन्नत पूरी हो जाए. ऐसे में हम जानेंगे कि क्या टूटते तारों को देखकर की गई मनोकामनाएं सच में पूरी होती हैं.आसमान में चमकते हुए तारे हमें अपनी अद्भुतता और अनंतता का अनुभव कराते हैं. बहुत से लोग इन तारों के चमकते हुए दृश्य को देखते हैं और उनसे मन्नतें मांगते हैं. यहां हम जानेंगे कि क्या टूटे हुए तारों को देखकर की गई मन्नतें पूरी होती हैं या नहीं.
ये भी पढ़ें- क्या आप जानते हैं बर्बरीक को कैसे मिली खाटू श्याम की उपाधि? जानें इसके पीछे का रहस्य
क्या है तारों का महत्व?
इससे पहले हम जानते हैं कि तारों को हमेशा से ही आध्यात्मिक और भविष्यवाणी का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना गया है. विभिन्न संस्कृतियों में, तारों के चमकते हुए दृश्य को भविष्य की भविष्यवाणी के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसे में इन तारों का काफी महत्व होता है. अब सवाल है कि क्या वाकई मन्नत पूरे होते हैं? बहुत से लोग टूटे हुए तारों को देखकर अपनी मन्नतों को पूरा करने की कोशिश करते हैं. विशेष रूप से रात के समय, जब आसमान में तारे चमकते हैं, लोग मन्नतें मांगते हैं. यह एक प्राचीन परंपरा है और विश्वास किया जाता है कि इस समय तारों की शक्ति विशेष रूप से प्रभावी होती है. लोग मन्नत तो मांग लेते हैं कि क्या वाकई में मन्नत पूरी होती है.
ये भी पढ़ें- इन राशियों का प्यार चढ़ेगा परवान, रोमांटिक रहेगा दिन, जानें अपनी राशि का हाल
क्या मन्नतें पूरी होती हैं?
यह बहुत संवेदनशील विषय है और इसका एक स्पष्ट उत्तर नहीं है. कुछ लोग मानते हैं कि टूटे हुए तारों को देखकर की गई मन्नतें पूरी होती हैं, जबकि कुछ लोग इसे धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं की एक रूपरेखा मानते हैं. इसे एक साइंटिफिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, इसके प्रमाण मौजूद नहीं हैं. हालांकि, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इसे विश्वास किया जाता है और अनेक लोगों के अनुभवों के आधार पर, वे इसे सत्य मानते हैं. यानी समझें कि धार्मिक विचारों से देखा जाए तो आज भी लोग इसमें काफी यकीन रखते हैं जबकि साइंस इसमें किसी तरह विश्वास नहीं रखता है.
Source : News Nation Bureau