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तुलसी आरती अकाल मृत्यु और शनिदृष्टि की पीड़ा में है अत्यंत प्रभावशाली ( Photo Credit : Social Media)
Significance Of Tulasi Aarti: तुलसी को आँगन में लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे में अगर नियमित रूप से प्रातः और विशेष रूप से सायं काल में तुलसी की पूजा और आरती की जाए तो शनि की दृष्टि और अकाल मृत्यु से छुटकारा पाया जा सकता है. नियमित रूप से तुलसी संध्या पूजा करने वाले व्यक्ति पर सभी देवी देवताओं की विशेष कृपा होती है. शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए संध्या तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए. क्योंकि संध्या तुलसी पूजन और आरती कर्ज, रोग और शत्रु मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ फलदायी मानी जाती है. इसके अतिरिक्त तुलसी को भगवान विष्णु का अत्यंत प्रिय माना गया है. इसलिए जो भी मनुष्य तुलसी जी की पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है. उस पर माता तुलसी के साथ ही भगवान विष्णु जी की भी कृपा हमेशा बनी रहती है.
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता...॥
Source : News Nation Bureau