logo-image

महाष्टमी पर महागौरी के साथ गणेश की करें आरती, मिलेंगी ये 8 महाविद्याएं

Shardiya Navratri 2022 Day 8 Maa Mahaguri Aarti Aur Bhog: नवरात्र की अष्टमी पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. हिंदू शास्त्र के अनुसार, इस दिन महागौरी की पूजा के साथ कन्या पूजन करने से जिसे कंजक जमाना भी कहते हैं माता रानी

Updated on: 04 Oct 2022, 02:30 PM

नई दिल्ली:

Shardiya Navratri 2022 Day 8 Maa Mahaguri Aarti Aur Bhog: नवरात्र की अष्टमी पर मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. हिंदू शास्त्र के अनुसार, इस दिन महागौरी की पूजा के साथ कन्या पूजन करने से जिसे कंजक जमाना भी कहते हैं माता रानी अति प्रसन्न होती हैं और पूजा को स्वीकार कर सभी मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती हैं. मां महागौरी माता पार्वती का वो स्वरूप हैं जो भगवान श्री गणेश की माता के तौर पर भी जानी जाती हैं. माता का ये रूप सौन्दर्य, ऐश्वर्य और बुद्धिमता प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त बच्चों से उड़ी हर समस्या जैसे उनकी लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ आदि के लिए भी मां महागौरी का व्रत और पूजन अत्यधिक लाभकारी माना जाता है. शास्त्रों में नवरात्रि की अष्टमी पूजा (Navratri Ashtami Tithi 2022) का विशेष महत्व है. ऐसे में चलिए जानते हैं मां महागौरी के मंत्र, स्तोत्र और कवच के बारे में. साथ ही जानेंगे, अष्टमी का वो उपाय जिसे करने से मां महागौरी और भगवान गणेश की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी और आपको हर परेशानी का हल मिल जाएगा. 

मां महागौरी की आरती (Maa Mahagauri Aarti) 
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

श्री गणेश की आरती (Shri Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

मां महागौरी का प्रिय भोग (Maa Mahagauri Bhog)

अष्टमी तिथि के दिन मां महागौरी को नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. भोग लगाने के बाद नारियल को ब्राह्मण को दे दें और प्रसाद स्वरूप भक्तों में बांट दें. जो जातक महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं, वह हलवा-पूड़ी, सब्जी और काले चने का प्रसाद माता को लगा सकते हैं. 

कन्याओं की संख्या 9 हो तो अति उत्तम, नहीं तो दो कन्याओं के साथ भी पूजा की जा सकती है. भक्तों को माता की पूजा करते समय गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए. क्योंकि गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इससे परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बना रहता है और यह रंग परिवार को प्रेम के धागों में बांध कर रखता है.

भगवान गणेश का प्रिय भोग (Shri ganesh Bhog)

गणपति को मोदक सबसे प्र‍िय माने जाते हैं. इसके अलावा मोतीचूर का लड्डू, नारियल वाले चावल, पूरण पोली, केले का शीरा, हलवा आद‍ि का भोग भी लगा सकते हैं.