शनिवार के दिन महादेव के इस अवतार की आरती से शत्रुओं का होता है विनाश, ऊपरी बाधाओं समेत हर नकारात्मकता का होता है खात्मा
भगवान शंकर के कई अवतार हैं. इन्हीं में से विशिष्ट स्थान भैरव जी का है. मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर सदैव के लिए विजय प्राप्ति की इच्छा हो तो उन्हें सच्चे मन से भगवान श्री काल भैरव की पूजा करनी चाहिए.
भगवान शंकर के कई अवतार हैं. इन्हीं में से विशिष्ट स्थान भैरव जी का है. मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर सदैव के लिए विजय प्राप्ति की इच्छा हो तो उन्हें सच्चे मन से भगवान श्री काल भैरव की पूजा करनी चाहिए.
शनिवार के दिन महादेव के इस अवतार की आरती से शत्रुओं का होता है विनाश( Photo Credit : Social Media)
भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के कई अवतार हैं. इन्हीं में से विशिष्ट स्थान भैरव जी का है. मान्यता है कि अगर व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर सदैव के लिए विजय प्राप्ति की इच्छा हो तो उन्हें सच्चे मन से भगवान श्री काल भैरव की पूजा (Kaal Bhairav Puja) करनी चाहिए. इसके अतिरिक्त, काल भैरव की आरती (Kaal Bhairav Aarti Lyrics) उच्चारण से ऊपरी बाधाओं समेत हर नकारात्मकता नष्ट हो जाती है. काल भैरव जी का अवतरण मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कृष्ण अष्टमी पर काल भैरव का रूप धारण किया था. उन्हें काशी के निर्देशों और संरक्षण का रक्षक माना जाता है.