Nirjala Ekadashi 2022 Aarti: निर्जला एकादशी पर इस आरती से घर में आएगी सुख समृद्धि, समाज में बढ़ेगी मान प्रतिष्ठा
Nirjala Ekadashi 2022 Aarti: इस साल निर्जला एकादशी 10 जून 2022 शुक्रवार यानी कि आज के दिन मनाई जा रही है. ऐसे में आज के दिन इस एक आरती से आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं.
नई दिल्ली :
Nirjala Ekadashi 2022 Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी मनाई जाती है. इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 और 11 जून दोनों दिन रखा जा रहा है. इसका कारण यह है कि इस बार द्वादशी तिथि का क्षय हो रहा है. निर्जला एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है. इस दिन किए गए पूजन व दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्रप्ति होती है. सभी एकादशियों में से निर्जला एकादशी एक मात्र ऐसी तिथि है, जिसमें व्रत रखकर साल भर की एकादशियों जितना पुण्य कमाया जा सकता है. इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस आरती के सकारात्मक प्रभाव से न सिर्फ आपके घर में सुख समृद्धि आएगी बल्कि समाज में मान सम्मान भी भरपूर बढ़ेगा.
एकादशी आरती
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता ।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ।। ॐ।।
तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी ।
गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ।।ॐ।।
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई।। ॐ।।
पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है,
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ।। ॐ ।।
नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ।। ॐ ।।
विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी,
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ।। ॐ ।।
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली,
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ।। ॐ ।।
शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी,
नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी।। ॐ ।।
योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ।। ॐ ।।
कामिका श्रावण मास में आवै, कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए।। ॐ ।।
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला।। ॐ ।।
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी ।। ॐ ।।
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूं विनती पार करो नैया ।। ॐ ।।
परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी।।
शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी ।। ॐ ।।
जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै।। ॐ ।।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट