Chaitra Navratri 2022 Maa Skandmata Aarti: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की करेंगे ये आरती, संतान सुख की होगी प्राप्ति
चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है. लेकिन, मां की पूजा तब तक अधूरी है जब तक उनकी आरती न की जाए. तो, चलिए जान लें स्कंदमाता की कौन-सी आरती (maa skandmata aarti) करें.
नई दिल्ली:
चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है. पुराणों के अनुसार, मां स्कंदमाता (maa skandmata) कमल पर विराजमान रहती हैं इसलिए उन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि मां स्कंदमाता मातृत्व को परिभाषित करती (chaitra navratri 5th day aarti) हैं. मां स्कंदमाता के गोद में छह मुख वाले स्कंद कुमार विराजित रहते हैं. मां स्कंदमाता की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा शत्रुओं का विनाश होता है. इतना ही नहीं मां स्कंदमाता की पूजा (maa skandmata ji ki aarti) करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. स्कंदमाता अपने भक्तों की भक्ति से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती है. लेकिन, मां की पूजा तब तक अधूरी है जब तक उनकी आरती न की जाए. तो, चलिए जान लें स्कंदमाता की कौन-सी आरती (maa skandmata ki aarti) करें.
मां स्कंदमाता की आरती (maa skandamata navdurga aarti)
जय तेरी हो स्कंदमाता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता।
सब के मन की जानन हारी।
जग जननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं।
हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।
कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरो में तेरा बसेरा।
हर मंदिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।
इंद्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तुम ही खंडा हाथ उठाएं
दास को सदा बचाने आईं
चमन की आस पुराने आई।
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