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मां कात्यायनी की आरती से वैवाहिक जीवन में बनी रहती है संपन्नता ( Photo Credit : Social Media)
Chaitra Navratri 2022 Day 6, Maa Katyayani: नवरात्रि में हर दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना का विधान है. मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी मां की पूजा मन को मजबूत करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में करने का काम करती हैं. अविवाहित व्यक्तियों के लिए मां कात्यायनी की पूजा बेहद लाभदायक होती है. देवी कात्यायनी का यह स्वरूप बेहद शांत और मनमोहक हैं. देवी के इस रूप की पूजा अर्चना के साथ यदि भक्त सच्चे मन से आरती भी करें, तो मां हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती हैं. नवरात्रि के अवसर पर माँ कात्यायनी की आरती से वैवाहिक जीवन में सदैव सम्पन्नता बनी रहती है और संतान सुख की प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलता है.
मां कात्यायनी की आरती
जय जय अंबे जय कात्यायनी । जय जगमाता जग की महारानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहां वरदाती नाम पुकारा ।।
कई नाम हैं कई धाम हैं। यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी। कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।
हर जगह उत्सव होते रहते। हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुड़ानेवाली। अपना नाम जपानेवाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो। ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।
Source : News Nation Bureau