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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यसभा के कुछ सांसदों और मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। भाजपा सांसद राधा मोहनदास अग्रवाल ने मंगलवार को मांग रखते हुए कहा कि राज्यसभा की कार्यवाही से जिस विषय को हटा दिया जाता है, उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाता है। उन्होंने ऐसा करने वाले सांसदों और मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
अग्रवाल ने कहा कि मीडिया कार्यवाही से हटाए गए अंश या गतिविधि को प्रसारित करे तो उन्हें और उन्हें संबंधित वीडियो देने वाले सांसदों को सदन में बुलाकर पेश किया जाए। उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जाए।
राज्यसभा में मंगलवार को सत्ता पक्ष के कुछ सांसदों ने इस बात को रखा कि जो वक्तव्य सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होते, यानी जिन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया जाता है, ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से संबंधित सांसदों द्वारा इन वीडियो को प्रचारित और प्रसारित किया जाता है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि यहां विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बिल पर चर्चा के लिए बोलने की अनुमति दी जाती है। लेकिन, नेता प्रतिपक्ष विधेयक पर चर्चा की बजाए सीधे बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर बोलते हैं। आसन के आदेश से यह अंश सदन की कार्यवाही से हटा दिए जाते हैं। इसके बावजूद उनके वक्तव्यों के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब सदन की कार्यवाही से अंश हटा दिए जाते हैं तो फिर सोशल मीडिया पर इन्हें कैसे अपलोड किया जा रहा है? सदन की कार्यवाही से वक्तव्य हटाने के बावजूद जनता की नजर में वीडियो सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनकर सामने आ जाते हैं। उन्होंने आसन से पूछा कि क्या यह विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं है?
उन्होंने कहा कि जिस विषय को आधिकारिक तौर पर सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है, उसे विभिन्न मीडिया माध्यमों पर प्रसारित करना अनुचित है। राज्यसभा की कार्यवाही से कई विषयों को हटा दिया जाता है। अगर कोई भी सांसद या फिर मीडिया उस गतिविधि को प्रसारित करेगी तो उस संबंधित सांसद व चैनल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीडिया भी कार्यवाही से हटाए गए अंश या गतिविधि को प्रसारित करेगी, तो संबंधित सांसदों और मीडिया को सदन में बुलाकर पेश किया जाए। उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई की जाए।
आसन पर मौजूद घनश्याम तिवाड़ी ने इस पर कहा कि जो अंश सदन की कार्यवाही से हटा दिए जाते हैं, उन्हें प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए।
--आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम
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