रांची, 29 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में गोवंश मांस की बिक्री पर राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी को शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
श्यामानंद पांडेय नामक शख्स की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राजधानी के विभिन्न इलाकों में खुलेआम गोवंश मांस की बिक्री की जा रही है। विक्रेता कटे हुए मांस को खुले में अस्वच्छ और गंदे तरीके से प्रदर्शित कर रहे हैं। वे न तो काले शीशे का इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही मांस को कपड़े से ढक रहे हैं, जो स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के अनुसार रांची एसएसपी ने शपथपत्र दाखिल किया था, लेकिन उसमें केवल गोवंश मांस के परिवहन करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का उल्लेख था। एसएसपी ने राजधानी के डोरंडा, लोअर बाजार जैसे इलाकों में गोवंश मांस की बिक्री और इसके खुले तौर पर बिक्री की बात खारिज की, जबकि कुरैशी मोहल्ला, आजाद बस्ती समेत कई इलाकों में यह प्रैक्टिस जारी है और इसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
कोर्ट के आदेश के बाद कुछ दिनों तक विक्रेता नियमों का पालन करते हुए मांस को ढकते और काले शीशे का प्रयोग करते थे, लेकिन अब वे फिर से इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि रांची के कई क्षेत्रों में दुकानों के बाहर खुले में कटे हुए बकरे और मुर्गियों का मांस प्रदर्शित किया जा रहा है, जो कि एफएसएसएआई के नियमों और सुप्रीम कोर्ट तथा विभिन्न हाई कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है। इस मामले में कोर्ट ने राज्य के फूड कमिश्नर को इस संबंध में विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की गई है।
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