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राजस्‍थान : पुष्‍कर मेले का रंगारंग आगाज, विदेशी कलाकारों के अंदाज होंगे आकर्षण का केंद्र

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले का शुक्रवार को प्रशासनिक स्तर पर ध्वजारोहण के साथ रंगारंग आगाज हो गया है. सुबह शंख, नगाड़ा वादन व शहनाई की गूंज के बीच मेला स्टेडियम में तिरंगा फहराया गया.

Updated on: 17 Nov 2018, 09:34 AM

अजमेर:

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले का शुक्रवार को प्रशासनिक स्तर पर ध्वजारोहण के साथ रंगारंग आगाज हो गया है. सुबह शंख, नगाड़ा वादन व शहनाई की गूंज के बीच मेला स्टेडियम में तिरंगा फहराया गया. वहीं शाम को पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर दीपदान हुआ तथा प्रमुख घाटों पर सरोवर की महाआरती की गई . पुष्कर का यह धार्मिक मेला (पंचतीर्थ स्नान) 19 नवंबर को कार्तिक एकादशी स्नान के साथ आरंभ होगा. मेले का समापन 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महास्नान एवं पुरस्कार वितरण समारोह के साथ होगा. मेले के शुभारंभ के मौके पर  जिला कलेक्टर आरती डोगरा, पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहेंगे. झंडारोहण के बाद शहर के विभिन्न स्कूलों की करीब दो सौ छात्राओँ ने  राजस्थानी गीत पर लोक नृत्य किया. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद  समेत विभिन्न पशु प्रतियोगिताओं की धूम भी शुरू हो गई है. जिला एवं पुलिस प्रशासन ने मेले की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं.

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सुरक्षा के कड़े बंदोबस्‍त 

जिला कलेक्टर आरती डोगरा ने कहा कि पुलिस एवं खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. उन्होंने कहा कि अजमेर समेत संभाग के विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस बल लोगों की सुरक्षा में तैनात की गई है.  थानाधिकारी नरेश शर्मा ने बताया कि आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ व एसपी राजेश सिंह के निर्देशानुसार पुष्कर मेले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. गुरुवार  को करीब तीन सौ जवानों की तीन अलग-अलग टुकड़ियों ने उपनिरीक्षक हंसपाल, श्रवण कुमार एवं चतर सिंह के नेतृत्व में मेला क्षेत्र समेत पूरे शहर में फ्लेग मार्च किया. बताया गया है कि चप्पे-चप्पे पर खास तौर पर ब्रह्म मंदिर सहित प्रमुख मंदिरों एवं घाटों पर सशस्त्र पुलिस एवं सुरक्षा कर्मी तैनात किए जा रहे हैं.

52 घाटों पर दीप दान किया गया 

आईजी अजमेर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि पुष्कर मेले के शुभारंभ के उपलक्ष्य में शुक्रवार की शाम को नगर पालिका की ओर से सरोवर के सभी 52 घाटों पर दीप दान किया गया तथा गऊघाट, ब्रह्म घाट, बद्री घाट, वराह घाट, बंशी घाट आदि प्रमुख घाटों पर महाआरती की गई. इस  दौरान पुष्कर सरोवर हजारों दीपकों की रोशनी से जगमगा उठा तथा घाटों पर
झालर-टंकोरे की आवाज गूंजी. दीपदान के लिए सभी सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को अलग-अलग घाट आवंटित किए गए हैं. स्कूली छात्र-छात्राओं की ओर से घाटों पर दीपदान व आकर्षक रंगोलियां सजा कर मतदान के प्रति लोगों को जागरूक भी  किया गया है.

मेले में विदेशी कलाकार भी करते हैं अपनी कला की प्रस्तुतियां
पुष्कर मेले के दौरान आगामी 5 दिनों तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं की धूम रहेगी. जिससे मेले का नजारा न केवल रंगीन  होगा बल्कि मेले में लोक, कला एवं संस्कृति की छटा बिखरेगी. मेला मैदान पर स्वदेशी के साथ-साथ विदेशी कलाकार भी अपनी कला की प्रस्तुतियां देकर मेले को यादगार बनाएंगे. मेले के दौरान आने वाले देशी एवं विदेशी पर्यटकों को लुभाने के लिए राजस्थानी कला एवं संस्कृति से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.  देशी-विदेशी के बीच फुटबॉल एवं लगान क्रिकेट मैच, हारमोनी मैराथन, हॉट एयर बैलून, प्रेम जोशुआ लाइव, आध्यात्मिक यात्रा, विदेशी मेहमानों की भारतीय दूल्हा-दुल्हन प्रतियोगिता, रास लीला, मूंछ, साफा बांधों प्रतियोगिता सहित अनेक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र होंगे.

विश्व प्रसिद्ध है पुष्कर का पशु मेला

पुष्कर पशु मेले में पशुओं की मंडी सज कर तैयार हो गई है. मंडी में पशु पालक व व्यापारी जानवरों की खरीद-फरोख्त कर रहे है. अब तक मेले में विभिन्न प्रजाति के करीब साढ़े छह हजार पशु पहुंच चुके हैं तथा इनकी आवक अभी भी जारी है. मेले में शुक्रवार की शाम तक विभिन्न प्रजाति के 6 हजार 402 पशुओं की आवक दर्ज की गई है. मेले में आए पशुओं में सर्वाधिक 3,782 ऊंट वंश, 2,504 अश्व वंश, 39 गोवंश, 51 भैंस वंश, 25 बकरा-बकरी एवं एक गधा शामिल है.  मेले में भाग लेने के लिए पशु एवं पशु पालकों के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों तथा  विदेशी पर्यटकों की आवक भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिससे मेले की चहल-पहल दिनों दिन आसमान छू रही है. पर्यटकों के झुंड मेला क्षेत्र में घूम-घूम कर मेले का लुत्फ उठा रहे हैं.