चुनाव आयोग राहुल गांधी को अल्टीमेटम नहीं दे सकता : हुसैन दलवई

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चुनाव आयोग राहुल गांधी को अल्टीमेटम नहीं दे सकता : हुसैन दलवई

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IANS
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राहुल गांधी को अल्टीमेटम नहीं दे सकता चुनाव आयोग: हुसैन दलवई

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 18 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच, चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राहुल गांधी और विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। यहां तक कि बिना नाम लिए सात दिनों में हलफनामा देने का अल्टीमेटम भी दिया। आयोग ने यहां तक कहा कि हलफनामा दीजिए नहीं तो सार्वजनिक रूप से माफी मांगिए।

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वहीं, आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुसैन दलवई ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए भाजपा के इशारे पर काम करने वाला बताया।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग न तो सुप्रीम कोर्ट है और न ही हाई कोर्ट, जो इस तरह का अल्टीमेटम दे सके। उनका तर्क है कि राहुल गांधी ने मतदाता सूची में अनियमितताओं और वोट चोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाए हैं। राहुल गांधी के साथ विपक्षी दलों में शामिल सभी दल आयोग से सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन आयोग की ओर से जवाब नहीं मिल रहा है।

दलवई ने आयोग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, न कि राहुल गांधी पर हलफनामा दाखिल करने या माफी मांगने का दबाव बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने पर कहा कि यह एक अच्छी बात है। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, इसलिए उन्हें बधाई देते हैं।

उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन का बैकग्राउंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है। भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किया है। उम्मीद करेंगे कि जिस पद के लिए उनका नाम सामने आया है, उसकी गरिमा बनाए रखेंगे।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान अनियमितताएं देखने को मिलीं। चुनाव आयोग की इस गड़बड़ी की जांच की जानी चाहिए। वोटर लिस्ट को दुरुस्त करना चाहिए। अगर वोटर लिस्ट ठीक नहीं किया जाता है तो ऐसे में लोकल बॉडी का चुनाव कराना ठीक नहीं होगा।

उत्तराखंड कैबिनेट के अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मंजूरी देने पर दलवई ने कहा कि मदरसों में ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं। सरकार को मदरसों को बंद करने के बजाय सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें आधुनिक शिक्षा ठीक से मिले। केवल 4 फीसदी बच्चे ही मदरसों में जाते हैं और उनमें से ज्यादातर गरीब हैं। मेरा मानना है कि अमीर परिवारों के बच्चे मदरसों में जा सकते हैं, जबकि गरीब बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिलनी चाहिए।

उन्होंने कबूतर विवाद पर कहा कि इसे बढ़ाना नहीं चाहिए। जैन समुदाय से अपील है कि वे भी विचार करें। अस्पताल और कॉलेज के पास कबूतरों को दाना डालने से समस्या बढ़ रही है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

--आईएएनएस

डीकेएम/एबीएम

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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