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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
पुणे, 17 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपी (एसपी) सांसद अमोल कोल्हे ने भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कई मुद्दों और सवालों को उठाया था, लेकिन चुनाव आयोग इन सवालों का जवाब देने में पूरी तरह विफल रहा है।
एनसीपी (एसपी) सांसद अमोल कोल्हे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कई मुद्दों और सवालों को उठाया था, जिनके जवाब की सभी को उम्मीद थी। हालांकि, आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग इन सवालों का जवाब देने में पूरी तरह विफल रहा। ये उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी कि जो सवाल उठाए गए हैं, उनका सही तरीके से जवाब दिया जाए, ताकि आम नागरिकों की शंकाओं का निपटारा हो। मगर, उन्होंने सवाल उठाने वाले से ही शपथ पत्र मांगा है, जो संविधान और लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
दरअसल, ईसीआई ने रविवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी और मतदाता सूची में हाउस नंबर 0 से संबंधित आरोपों का जवाब दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, अगर 7 दिन में हलफनामा नहीं मिला, तो ये सभी आरोप बेबुनियाद माने जाएंगे। हमारे मतदाताओं के बारे में यह बोलना कि वे फर्जी हैं, जो भी इस बात को बोल रहा है, उसे माफी मांगनी चाहिए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में मकान नंबर अनिवार्य होने के बावजूद, जिन नागरिकों के पास मकान नंबर नहीं है, उन्हें फर्जी मानना गलत है।
साथ ही उन्होंने विपक्ष की मतदाता सूची में त्रुटियों और दोहरे मतदान के आरोपों पर भी सवाल उठाए। ज्ञानेश कुमार ने कहा, कानून के अनुसार, अगर समय रहते मतदाता सूचियों की त्रुटियों को समय पर ठीक नहीं किया जाता और मतदाता द्वारा उम्मीदवार चुनने के 45 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती, तो वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल करना भारत के संविधान का अपमान नहीं, तो और क्या है?
--आईएएनएस
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