मुंबई, 2 जून (आईएएनएस)। बकरीद से पहले महाराष्ट्र गोसेवा आयोग ने 3 जून से 8 जून तक राज्यभर के पशु बाजारों को बंद रखने का आदेश देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने सोमवार को इस फैसले की आलोचना की। उन्होंने इसे संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। उन्होंने सवाल किया कि आयोग को यह फैसला लेने का अधिकार किसने दिया? यह देश सभी धर्मों का है और हर किसी को अपने धर्म के अनुसार चलने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा है और इसमें हस्तक्षेप करना असंवैधानिक है।
अबू आजमी ने कहा कि बकरीद के मौके पर कुर्बानी करना मुसलमानों का धार्मिक कर्तव्य है, जिसे कोई भी ताकत रोक नहीं सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला केवल मुसलमानों को परेशान करने और नफरत फैलाने के इरादे से लिया गया है। कुर्बानी पर रोक किसानों के हितों पर भी सीधा प्रहार है, क्योंकि जानवरों को पालने और बाजार में लाकर बेचने का काम किसान ही करते हैं। अगर बाजार बंद रहेगा और कुर्बानी नहीं होगी तो इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा, जो आगे चलकर आत्महत्याओं की घटनाओं को बढ़ा सकता है।
बकरीद पर बकरों की कुर्बानी बंद करने को लेकर बाबा बागेश्वर के बयान पर अबू आजमी ने कहा कि देश किसी बाबा के कहने पर नहीं चलता। पूरी दुनिया में कुर्बानी होती है और भारत में भी होती रहेगी। यह एक सेक्युलर देश है और यहां सभी धर्मों को बराबर अधिकार प्राप्त हैं। आजमी ने ऐलान किया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और मांग करेंगे कि राज्य में स्लॉटर हाउस से संबंधित जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाए।
आजमी ने कहा कि उन्होंने कभी नफरत फैलाने की बात नहीं की है, लेकिन कुछ जगहों पर मांस की दुकानों को बंद कराने की कार्रवाई की जा रही है। अगर किसी को शक है कि कहीं गौमांस बेचा जा रहा है तो पहले वैज्ञानिक जांच की जाए, फिर कानून अनुसार कार्रवाई हो। बिना प्रमाण के लोगों को गिरफ्तार करना गलत है। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री एक स्पष्ट एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी करें ताकि बकरीद शांतिपूर्वक मनाई जा सके और अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई हो।
आजमी ने आरोप लगाया कि जब भी मुसलमानों का त्योहार आता है, कुछ तत्व उन्हें परेशान करने का अभियान चला देते हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार में भारी वृद्धि हुई है, यहां तक कि जिम में उनके प्रवेश तक को रोका जा रहा है। भोपाल के एक सब-इंस्पेक्टर द्वारा विवादित बयान दिए जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के कुछ मंत्री मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और यह देश को बांटने की कोशिश है। उन्होंने साफ कहा कि वे संविधान बचाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे और किसी भी कीमत पर बंटवारे की राजनीति को सफल नहीं होने देंगे।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के हालिया बयान पर अबू आजमी ने कहा कि वह बिल्कुल गलत बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई सच्चाई उजागर करता है तो उसे पाकिस्तानी कह देना सरकार की पुरानी रणनीति है। उन्होंने सवाल उठाया कि पहलगाम हमले में जिनके परिवार उजड़ गए, उन्हें क्या मिला? पाकिस्तान के खिलाफ कोई निर्णायक लड़ाई नहीं लड़ी गई, बल्कि अमेरिका के कहने पर लड़ाई रोक दी गई। ऑपरेशन सिंदूर का नाम लेकर सरकार सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे सामने आकर जनता को सच बताएं और सरकार की सच्चाई उजागर करें।
--आईएएनएस
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