पुरी में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरापुट के जैविक चावल की तारीफ की, अंतरराष्ट्रीय मांग पर डाला जोर

पुरी में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरापुट के जैविक चावल की तारीफ की, अंतरराष्ट्रीय मांग पर डाला जोर

author-image
IANS
New Update
Shivraj Singh Chouhan and Mohan Charan Manjhi launch 'Vikasit Krishi Sankalp Abhiyan'

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पुरी, 29 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ओडिशा के कोरापुट जिले में उत्पादित जैविक चावल की जोरदार सराहना करते हुए इसे स्वाद और पोषण का बेहतरीन उदाहरण बताया।

उन्होंने कहा कि कोरापुट का जैविक चावल न केवल स्वाद में बेजोड़ है, बल्कि इसकी मांग देश और विदेश में लगातार बढ़ रही है।

पुरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा, कोरापुट का जैविक चावल केवल एक फसल नहीं, बल्कि एक समग्र कृषि प्रणाली का हिस्सा है, जिसमें मछली पालन और पशुपालन भी शामिल हैं। उन्होंने इस मॉडल को समग्र और टिकाऊ खेती का उदाहरण बताया।

इसके साथ ही, मंत्री चौहान ने कोरापुट के हल्दी उत्पादन की भी प्रशंसा की और इसे वैश्विक बाजार में बेहद मांग वाली कृषि उपज बताया।

वहीं, उन्होंने अपने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आज पुरी, ओडिशा से भगवान जगन्नाथ के पवित्र आशीर्वाद के साथ विकसित कृषि संकल्प अभियान की भव्य शुरुआत हुई। यह अभियान विज्ञान को खेतों तक और गांवों तक पहुँचाने का संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लैब टू लैंड के संकल्प की सिद्धि के लिए हमारे वैज्ञानिक देशभर में गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं, उनके अनुभव साझा कर रहे हैं और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी पहुंचा रहे हैं। देश के कोने-कोने से वैज्ञानिकों और किसान भाई-बहनों की प्रेरणादायक तस्वीरें और कहानियाँ मिल रही हैं, जो इस अभियान की आत्मा बन रही हैं।

कार्यक्रम में मौजूद ओयूएटी (ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी) के निदेशक प्रो. प्रताप कुमार राउल ने कहा कि कोरापुट को चावल की खेती की जन्मभूमि माना जाता है और यह स्थानीय जनजातीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने महाप्रसाद जैसे पवित्र प्रसादों में जैविक चावल के उपयोग को शुद्धता और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

विशेषज्ञों के अनुसार, जैविक चावल न केवल मिट्टी की सेहत को बनाए रखता है, बल्कि इसमें आवश्यक पोषक तत्व भी होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, जैविक खेती की ओर रुख करना समय की मांग है।

--आईएएनएस

डीएससी

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment