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गुरप्रीत घुग्गी का 'आप' से इस्तीफा, पंजाब में बढ़ी पार्टी की मुश्किल, पद छिन जाने से थे नाराज

दो दिन पहले ही सोमवार को जब संगरूर से सांसद भगवंत मान को पंजाब का संयोजक (अध्यक्ष) बनाया गया तभी से पार्टी में कलह की खबरें आने लगी थीं।

Updated on: 10 May 2017, 05:06 PM

highlights

  • पंजाब में आम आदमी पार्टी में बवाल, घुग्गी ने छोड़ी पार्टी
  • भगवंत सिंह मान को संयोजक बनाए जाने के बाद से घुग्गी के इस्तीफे के अटकलें लगने लगी थी
  • पंजाब चुनाव से पहले के विवादों और छोटेपुर को निकाले जाने का उठाया मुद्दा

नई दिल्ली:

पंजाब में आम आदमी पार्टी के पूर्व संयोजक ग्रुरप्रीत सिंह घुग्गी ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही पंजाब में आम आदमी पार्टी में कलह की बात अब खुल कर सामने आ गई है। घुग्गी ने कहा कि वे ऐसे व्यक्ति के साथ काम नहीं कर सकते जिसे शराब छोड़ने की शर्त पर संयोजक का पद दिया गया। माना जा रहा है कि घुग्गी का यह निशाना भगवंत सिंह मान पर था।

घुग्गी ने बुधवार को पत्रकारों के सामने अपनी बात रखते हुए कहा, 'मैं भारी मन के साथ पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से इस्तीफा देता हूं। पंजाब के लिए कभी भी खड़ा होना पड़ेगा तो मैं काम करता रहूंगा। लेकिन आम आदमी पार्टी के साथ रहकर और काम करना मेरे लिए मुमकिन नहीं है। अगर भविष्य में पार्टी में मुझे अच्छे लोग आगे दिखाई दिए भविष्य में पार्टी को सपोर्ट करुंगा लेकिन आज के वक्त के आम आदमी पार्टी के हालात को देखते हुए पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से मीडिया के सामने अपना इस्तीफा सौंपता हूं।'

दो दिन पहले ही सोमवार को जब संगरूर से सांसद भगवंत मान को पंजाब का संयोजक (अध्यक्ष) बनाया गया तभी से पार्टी में कलह की खबरें आने लगी थीं।

हालांकि, गुरप्रीत घुग्गी ने भगवंत मान से किसी भी प्रकार के विवाद से इंकार करते हुए कहा, 'मेरा भगवंत मान या किसी अन्य व्यक्ति विशेष से कोई विरोध नहीं है। भगवंत मान के साथ मैं काफी काम कर चुका हूं और नाराजगी भगवंत मान के प्रधान बनाए जाने को लेकर नहीं है।'

गुरप्रीत घुग्गी ने कहा, 'मैं विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारक के तौर पर काम करना चाहता था। लेकिन फिर भी मुझे कन्वीनर बना दिया गया। जिसकी वजह से मैं पार्टी के प्रचार की बजाय अन्य कामों में काफी व्यस्त हो गया।'

घुग्गी ने चुनाव से पहले सुच्चा सिंह छोटेपुर की पार्टी से छुट्टी किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं संजय सिंह और अन्य दिल्ली के नेताओं से गुजारिश करता रहा कि सुच्चा सिंह छोटेपुर को हमें मना लेना चाहिए। मैं लगातार पार्टी के नेताओं को स्टेट कन्वीनर का पद लेने से इंकार कर रहा था लेकिन अरविंद केजरीवाल को मैं मना नहीं कर पाया। मेरा विरोध भगवंत मान या किसी व्यक्ति को लेकर नहीं है। लेकिन जिस तरह से भगवंत मान को प्रधान बना दिया गया, मेरा विरोध इसको लेकर है।'

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घुग्गी यही नहीं रूके और बताया कि वे चुनाव से पहले पटियाला के सांसद धर्मवीर गांधी को पंजाब का संयोजक बनाना चाहते थे लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।

सच्चा सिंह छोटेपुर के कथित रिश्वत लेने के मसले पर घुग्गी ने कहा, 'मैं पार्टी से लगातार ये अपील करता रहा कि मुझे सच्चा सिंह छोटेपुर का रिश्वत लेते हुए बनाया गया वीडियो दिखा दिया जाए क्योंकि मुझे पार्टी के वालंटियर्स और प्रेस को जवाब देना पड़ता है। लेकिन वीडियो मुझे नहीं दिखाया गया।

घुग्गी ने कहा, 'भगवंत मान पहले से ही सांसद हैं स्टेट के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष भी है और ऐसा बंदा जिसके पास पहले से बहुत पावर हो उसे फिर से एक और जिम्मेवारी देना सही नहीं है। मैं ऐसे कन्वीनर के साथ काम नहीं कर सकता जिसे पार्टी ये कहकर पार्टी की पंजाब की कमान सौंपे कि आपको इस शर्त पर स्टेट कन्वीनर बनाया जा रहा है कि आप शराब छोड़ देंगे और वो व्यक्ति भी पार्टी की आलाकमान के सामने खड़ा होकर ये कबूल करें कि उसके शराब पीने को लेकर अब कोई भी शिकायत सामने नहीं आएगी।'

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