अमृतसर, 8 जून (आईएएनएस)। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को अमृतसर स्थित गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस अवसर पर लाल चंद कटारूचक्क और हरभजन सिंह ईटीओ भी मौजूद रहे। मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) के कुल 4,727 लोगों का करीब 68 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन लोगों के कर्ज माफ किए गए हैं जिन्होंने 1971 से लेकर 2020 के बीच सरकारी योजनाओं के तहत लोन लिए थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसे चुका नहीं सके। इनमें विकलांग और अति गरीब लोग भी शामिल हैं। सरकार ने इन लाभार्थियों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) भी प्रदान किए। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी लाभार्थियों से बात की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की।
हरपाल सिंह चीमा ने प्रदेश की पिछली सरकारों पर भी जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि अकाली दल और कांग्रेस की पूर्व सरकार ने ऐसी कोई पहल नहीं की, लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने गरीब और वंचित समाज को राहत देने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन लाभार्थियों को भविष्य में भी सरकार द्वारा सर्टिफिकेट दिए जाएंगे जिससे वे आगे फिर से लोन ले सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
किसानों के कर्ज को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी को लेकर निर्णय बाद में लिया जाएगा। किसानों की कई मांगें फिलहाल लंबित हैं। ये मामले केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से लेकर समाधान करे।
उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुए उन्हें ड्रामेबाज बताया और कहा कि उनकी सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया।
मंत्री बलजीत कौर ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोग वर्षों से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और पिछले 50 वर्षों से कर्ज के जाल में फंसे हुए थे। ऐसे लोग ब्याज तक चुकाने में असमर्थ थे, लेकिन अब इस कर्ज माफी के निर्णय से उन्हें एक नई शुरुआत का अवसर मिला है।
एससी समाज के लोगों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें अपने घरों के लिए लिया गया लोन चुकाने में कठिनाई हो रही थी। लेकिन, अब सरकार ने उनका कर्ज माफ कर उन्हें सर्टिफिकेट देकर राहत दी है। इससे उनके आत्मसम्मान को भी मजबूती मिली है।
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