प्रोफेसर अली खान मामले में मैंने कोई पत्र नहीं लिखा : प्रियांक कानूनगो

प्रोफेसर अली खान मामले में मैंने कोई पत्र नहीं लिखा : प्रियांक कानूनगो

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IANS
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Priyank Kanoongo,NCPCR chief stresses tougher case reporting, maximum conviction rate (IANS Interview)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी और हिरासत को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को पत्र लिखकर इस पूरे मामले पर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

प्रोफेसर महमूदाबाद की गिरफ्तारी को लेकर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों और शिक्षाविदों द्वारा चिंता जताई गई थी, जिसके बाद एनएचआरसी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया।

इस बीच एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा है। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह पत्र उनके संस्थान की ओर से भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मानवाधिकार कानून की धारा 36 के अनुसार यदि किसी राज्य में पहले से ही राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया हो, तो फिर राष्ट्रीय आयोग उसी मामले में दोबारा संज्ञान नहीं ले सकता।

इस दौरान प्रियांक कानूनगो आईएएनएस से दूरी बनाते हुए नजर आए और सार्वजनिक रूप से कोई विस्तृत बयान नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि यह पत्र उनकी ओर से नहीं लिखा गया है।

बता दें कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप है। हालांकि, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने अंतरिम जमानत दी है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अली खान के मामले की पैरवी की।

अंतरिम जमानत देने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बनाई है। प्रोफेसर अली खान को सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट से जुड़ा दूसरा कोई पोस्ट नहीं लिखने का आदेश दिया गया है। साथ ही उन्हें अपना पासपोर्ट सोनीपत की अदालत में सरेंडर करने का आदेश भी दिया गया है।

--आईएएनएस

पीएसके/एकेजे

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डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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