प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में और अभिभावकों के खिलाफ है भाजपा सरकार का कदम : सौरभ भारद्वाज

प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में और अभिभावकों के खिलाफ है भाजपा सरकार का कदम : सौरभ भारद्वाज

प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में और अभिभावकों के खिलाफ है भाजपा सरकार का कदम : सौरभ भारद्वाज

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IANS
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प्राइवेट स्कूलों के पक्ष में और अभिभावकों के खिलाफ है भाजपा सरकार का कदम : सौरभ भारद्वाज

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की भाजपा सरकार पर प्राइवेट स्कूलों के हित में काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर बनाए गए अध्यादेश से स्पष्ट होता है कि सरकार पूरी तरह से स्कूल प्रबंधन के दबाव में काम कर रही है और यह अध्यादेश राजधानी के मिडिल क्लास अभिभावकों के खिलाफ है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही प्राइवेट स्कूलों ने यूनिफॉर्म, किताबों और स्टेशनरी के नाम पर मनमाने तरीके से फीस बढ़ा दी। अब तक का नियम था कि फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे नजरअंदाज कर स्कूलों की मनमानी पर कोई कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने आरोप लगाया कि उल्टा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के समर्थन में एक ऐसा अध्यादेश तैयार किया है जो सीधे तौर पर अभिभावकों के हितों के खिलाफ है। इस अध्यादेश को न तो विधानसभा में प्रस्तुत किया गया और न ही इसकी जानकारी किसी सार्वजनिक माध्यम से साझा की गई। यह अध्यादेश चोरी-छिपे बनाया गया और अब भाजपा सरकार इसे उपराज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति के पास भेजने की तैयारी में है ताकि इसे कानून का रूप दिया जा सके।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह अध्यादेश इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार पर प्राइवेट स्कूल लॉबी का दबाव है। स्कूलों के संगठन से जुड़े कई बड़े पदाधिकारी भाजपा के चुनाव प्रचार में सक्रिय थे। उन्होंने विशेष रूप से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत अरोड़ा का नाम लेते हुए कहा कि वे भाजपा की मुख्यमंत्री उम्मीदवार रेखा गुप्ता के प्रचार में शामिल थे। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अध्यादेश में कई ऐसे प्रावधान हैं जो अभिभावकों को न्याय पाने से रोकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रावधानों के जरिए सरकार ने अभिभावकों की आवाज दबाने का प्रयास किया है। यदि यह अध्यादेश जनता के हित में है तो इसे विधानसभा में चर्चा के लिए क्यों नहीं लाया गया? सरकार की मंशा गलत है, इसलिए वह इस अध्यादेश को लेकर जनता और विपक्ष से चर्चा से बच रही है। दिल्ली की भाजपा सरकार नैतिकता खो चुकी है। और यह अध्यादेश दिल्ली के लाखों अभिभावकों की पीड़ा को नजरअंदाज कर निजी स्कूलों की लॉबी को खुश करने के उद्देश्य से लाया गया है। सौरभ भारद्वाज ने अंत में मांग की कि सरकार इस अध्यादेश को वापस ले और प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण हेतु पारदर्शी एवं अभिभावक हितैषी नीति बनाए।

--आईएएनएस

पीकेटी/एएस

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