प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल लागू होने पर कहा, 'यह लोकतंत्र की जीत'

प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल लागू होने पर कहा, 'यह लोकतंत्र की जीत'

प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल लागू होने पर कहा, 'यह लोकतंत्र की जीत'

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IANS
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Patna: Prashant Kishor at press conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कैमूर, 4 अगस्त (आईएएनएस)। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी बिहार बदलाव यात्रा के क्रम में सोमवार को कैमूर के चैनपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रदेश में डोमिसाइल नीति लागू करने को लेकर निशाना साधा। साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड मिलने पर भी तंज कसा।

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प्रशांत किशोर ने डोमिसाइल लागू होने पर कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है, जनता की जीत है। 20 साल में इन्होंने कुछ नहीं किया, डोमिसाइल के लिए लड़के संघर्ष कर रहे थे। अब नीतीश सरकार ने देख लिया है कि जनता ने उन्हें हटाने का मन बना लिया है, इसलिए पेंशन बढ़ा रहे हैं, डोमिसाइल नीति लागू कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने से या बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाने से जनता भ्रम में आने वाली नहीं है। जनता ने तय कर लिया है और इस बार लालू-नीतीश का हटना निश्चित है। अभी सैकड़ों काम होने वाले हैं। बिहार से गरीबी खत्म करनी है, बेरोजगारी और पलायन दूर करना है। जब तक यह नहीं होगा, हमलोग रुकने वाले नहीं हैं।

मीडिया से बातचीत में प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव के पास दो मतदाता पहचान पत्र को लेकर कहा कि यह मामला तेजस्वी यादव और चुनाव आयोग के बीच का है। वो लोग अपना समझेंगे। जनता को इससे कोई लेना-देना नहीं है। बिहार की जनता तो यह जानना चाहती है कि हमारे बच्चों की अच्छी पढ़ाई कब होगी। बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा।

इससे पहले प्रशांत किशोर ने कैमूर की जनता से अपील करते हुए कहा कि इस बार उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। इस बार नेताओं के चेहरे पर नहीं, अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दीपावली और छठ होगी। छठ के बाद कैमूर के युवाओं को 10-12 हजार रुपए की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपए का रोजगार दे दिया जाएगा।

उन्होंने ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।

--आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम

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