पटना, 8 अगस्त (आईएएनएस)। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। मंत्री ने इन सभी आरोपों का क्रमवार जवाब भी दिया।
मंगल पांडेय ने अपनी पत्नी के नाम पर रिश्वत के पैसे से फ्लैट खरीदने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा नेता डॉ. दिलीप जायसवाल से जो राशि ऋण के रूप में ली थी, वह करीब पांच साल पहले चेक के माध्यम से वापस कर दी गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लेन-देन पूरी तरह पारदर्शी और बैंकिंग प्रणाली के तहत हुआ है।
किशनगंज के एक मेडिकल कॉलेज को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने में मिलीभगत के आरोप पर मंत्री ने कहा कि यह आरोप भी पूरी तरह से बेबुनियाद है, क्योंकि किसी भी विश्वविद्यालय को मान्यता देने की प्रक्रिया में स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं होती है।
एंबुलेंस की खरीद में हेराफेरी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया होती है जिसमें निविदा जारी की जाती है और इच्छुक पक्ष निविदा में भाग लेते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में जो पक्ष असंतुष्ट थे, वे न्यायालय गए हैं और यह मामला अभी उच्च न्यायालय में लंबित है। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि इस प्रक्रिया में अभी तक किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने डॉ. दिलीप जायसवाल से रिश्वत लेकर उनके कॉलेज को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाया और एंबुलेंस खरीद में गड़बड़ी की।
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