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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा एच1बी वीजा के प्रावधानों में बदलाव करना चर्चा का विषय बना हुआ है। नए नियमों का असर सबसे अधिक भारत पर पड़ने की बात कही जा रही है। रविवार को इस विषय पर पूर्व राजनयिक महेश सचदेव ने बात करते हुए कहा कि ट्रंप का यह फैसला दो धारी तलवार की तरह है, जिसका नुकसान भारत के साथ-साथ अमेरिका को भी होगा।
पूर्व राजनयिक महेश सचदेव ने आईएएनएस को बताया, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच1बी वीजा को लेकर जो नया आदेश जारी किया है, इसका सीधा असर भारत पर होगा, क्योंकि एच1बी वीजा का अधिकतर भारतीय नागरिक इस्तेमाल करते हैं। पिछले साल एच1बी वीजा धारकों में भारत की भागीदारी 71 प्रतिशत थी, जिसमें ज्यादातर आईटी सेक्टर के वर्कर थे। उन सभी ने अमेरिका के आईटी सेक्टर में बहुत अच्छा योगदान दिया है, लेकिन ट्रंप का कहना है कि ये लोग अमेरिका में उनके नागरिकों की जगह लेते हैं। यही वजह है कि उन्होंने एच1बी वीजा के लिए एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख) अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है।
सचदेव ने कहा, भारतीय आईटी क्षेत्र और कंपनी इस फैसले से प्रभावित होंगे। इस फैसले के बाद भारतीयों के अमेरिका जाने पर प्रतिबंध लगेगा और संख्या में कमी आएगी। वहीं, भारतीय कंपनियों को अमेरिका के नागरिकों का इस्तेमाल करना होगा। अब आईटी कंपनियों को भारत से ही बैक ऑफिस की तरह काम करना जरुरी हो जाएगा, क्योंकि इसपर अभी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह फैसला दो धारी तलवार की तरह है; इससे भारत को नुकसान तो होगा ही, साथ ही अमेरिका को भी नुकसान होगा।
उन्होंने समझाया कि अमेरिका चीन के साथ ऐसी प्रतियोगिता में लगा हुआ है, जहां उसे नवाचार की बहुत जरूरत है। ऐसे में अगर अमेरिका बाहर से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाता है तो नवाचार को नुकसान होगा और चीन के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा में अमेरिका पिछड़ सकता है। अमेरिका ने हमेशा बढ़त इसलिए ली है क्योंकि वह विदेशी योग्य व्यक्तियों को अपने यहां आने देता है और काम करने देता है। जैसे सिलिकॉन वैली में जितने भी स्टार्टअप खुले हैं, उनमें से आधे से ज्यादा भारतीय मूल के लोगों के हैं।
--आईएएनएस
एससीएच
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