नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विभिन्न देशों का दौरा कर वापस लौटे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात की। इस मुलाकात में सांसदों, पूर्व सांसदों और प्रतिष्ठित राजनयिकों ने भाग लिया, जिन्होंने हाल ही में कई देशों का दौरा कर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ये मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई।
इन 7 प्रतिनिधिमंडलों में सभी दलों के सांसदों के साथ-साथ पूर्व सांसद और अनुभवी राजनयिक शामिल थे। इन सभी ने अपने-अपने दौरे के अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार उन्होंने विभिन्न राष्ट्रों में भारत के दृष्टिकोण और मूल्यों को मजबूती से प्रस्तुत किया। प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने अपने विदेशी दौरों में आतंकवाद के खिलाफ भारत के कठोर रुख और वैश्विक शांति के प्रति भारत की गहरी प्रतिबद्धता को प्रमुखता से उजागर किया। उन्होंने यह भी बताया कि इन मुलाकातों के दौरान भारत की साख और विश्व में उसका प्रभाव और मजबूत हुआ।
बता दें कि अलग-अलग दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों के कुल 7 समूह ने अलग-अलग देशों का दौरा कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को सामने रखा। भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने प्रतिनिधिमंडल को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया था। ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए 26 पर्यटकों पर हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया थी।
सर्वदलीय प्रतिनिधीमंडल ने 33 से अधिक देशों का दौरा किया। इन दलों ने 33 देशों की राजधानियों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा किया।
सात सांसदों ने अपने-अपने समूहों का नेतृत्व किया। चार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने किया, जिनमें दो बीजेपी के, एक जेडीयू के और एक शिवसेना के सांसद शामिल थे। वहीं तीन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व विपक्षी सांसदों ने किया, जिनमें एक-एक कांग्रेस, द्रमुक और राकांपा (शरदचंद्र पवार) से थे।
पहले समूह का नेतृत्व भाजपा के बैजयंत पांडा ने किया। दूसरे समूह का नेतृत्व भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने किया। तीसरे समूह का नेतृत्व जेडी(यू) के संजय कुमार झा ने किया। चौथे समूह का नेतृत्व शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे ने किया। पांचवे समूह का नेतृत्व कांग्रेस के शशि थरूर ने किया। छठे समूह के नेतृत्व डीएमके की कनिमोझी करुणानिधि ने किया तो वहीं, सातवें समूह का नेतृत्व एनसीपी (एससीपी) की सुप्रिया सुले ने किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहले ही इन प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को प्रभावी तरीके से दुनिया के सामने रखने के लिए उनकी सराहना की है।
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