सौरव गांगुली
प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर या 'दादा' सौरव गांगुली को प्यार और सम्मान में प्रशंसकों ने कई नाम दिए। इस सम्मान के वह हकदार भी थे। सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम में नया जोश भरा था । उन्हीं के नेतृत्व में टीम ने 'घर के शेर' तमगे से बाहर निकल विदेशी जमीन पर भी जीत की आदत लगाई थी। 2001 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतकर टेस्ट में अपना दम दिखाया तो वहीं दूसरी तरफ 2002 की नैटवेस्ट सीरीज को जीतकर एकदिवसीय मैचों में खुद की कप्तानी का लोहा मनवाया। रविवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का 46वां जन्मदिन है। आइए जानते हैं उनके बेहतरीन रिकॉर्ड के बारे में
सौरव गांगुली
गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें 42.18 की शानदार औसत से उन्होंने 7212 रन बनाए हैं। टेस्ट में दादा ने 35 अर्धशतक, 16 शतक और 1 दोहरा शतक जड़ा है। टेस्ट क्रिकेट में 239 उनका सर्वाधिक स्कोर है।
सौरव गांगुली
वनडे में भी दादा की 'दादागिरी' मैदान पर चली है। उन्होंने 311 वनडे मैच में 40.73 की औसत से 11363 रन बनाए हैं जिसमें 72 अर्धशतक और 22 शतक शामिल है।
सौरव गांगुली
क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट आईपीएल में भी सौरव ने 59 मैच खेले हैं। इस दैरान उन्होंने 1349 रन बानए हैं।
सौरव गांगुली
सौरव गांगुली सिर्फ बल्लेबाजी में नहीं बल्कि गेंदबाजी में भी कई बार टीम के लिए कमाल करते रहे। उन्होंने टेस्ट में 32, वनडे में 100 और IPL में 10 विकेट लिए हैं।
सौरव गांगुली
2003 विश्वकप से पहले का समय भारतीय क्रिकेट के लिये कुछ खास नहीं रहा था। न्यूज़ीलैंड के खराब दौरे के बाद भारतीय टीम विश्वकप में हिस्सा लेना दक्षिण अफ्रीका पहुंची थी। जहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में मिली हार से उभरते हुए टीम ने फाइनल तक पहुंच गई। सौरव की कप्तानी में ही भारतीय टीम साल 1983 के बाद पहली बार साल 2003 में वर्ल्डकप के फाइनल में पहुंची थी।