कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav)
अपना पहला विश्व कप खेल रहे भारत के पहले चायनामैन गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार इस बार इंग्लैंड की पिचों पर बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाने को तैयार हैं. 2017 में डेब्यू करने वाले कुलदीप यादव अब तक 44 मैच खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने अब तक 10 ओवर मेडन फेंके हैं और 87 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है. ऐसे में भारत के लिए यह गेंदबाज अहम भूमिका निभा सकता है.
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah)
मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में गिने जाने वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह भी अपना पहला विश्व कप खेलते नजर आएंगे. बुमराह अपनी सटीक यॉर्कर के लिए मशहूर हैं और डेथ ओवर्स में भारतीय टीम की ताकत भी, ऐसे में बुमराह के खिलाफ बल्लेबाजों का रन बना पाना आसान काम नहीं है. 2016 में डेब्यू करने वाले जसप्रीत बुमराह ने 49 मैचों में 26 मेडन डालकर 85 विकेट चटकाए हैं.
भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwer Kumar)
भुवनेश्वर कुमार मौजूदा भारतीय टीम के उन सात खिलाड़ियों में शामिल हैं जो 2015 की विश्व कप टीम का भी हिस्सा थे। गेंद को स्विंग कराने की खूबी उन्हें भारतीय वनडे टीम का अहम हिस्सा बनाती है। डेथ ओवर्स में बोलिंग का भुवनेश्वर को एक्सपर्ट माना जाता है। 2015 के विश्व कप में भुवनेश्वर कुमार ने 1 ओवर फेंका था और 1 विकेट भी चटकाई थी. 2015 से लेकर अब तक देखा जाए तो भुवनेश्वर कुमार ने 63 मैच की 62 पारियों में 27 ओवर मेडन फेंके और 74 विकेट भी चटकाए.
युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal)
कुलदीप यादव के स्पिन जोड़ीदार के रूप में मशहूर युजवेद्र चहल भी अपना पहला विश्व कप खेलते नजर आएंगे. बता दें कि यह दोनों खिलाड़ी जोड़ी में विपक्षी टीम की विकेट निकालते हैं जो कि इस स्पिनर को और घातक बना देती है. 2016 में पदार्पण करने वाले लेग स्पिनर चहल ने अब तक 41 मैचों की 40 पारी में 12 ओवर मेडन फेंक कर 72 विकेट चटकाए हैं.
मोहम्मद शमी (Mohammed Shami)
मोहम्मद शमी अपना दूसरा विश्व कप खेलते नजर आएंगे. विवाद और चोट के दौर से जूझने के बाद भारतीय टीम में शमी ने न सिर्फ वापसी की बल्कि अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर विश्व कप की 15 सदस्यीय टीम में भी जगह बनाई. 2015 के बाद से मोहम्मद शमी अब तक 27 मैच खेले हैं, जिसकी 26 पारियों में उन्होंने 14 मेडन फेंक कर 45 विकेट चटकाए हैं.
2015 के बाद से इन गेंदबाजों का प्रदर्शन
आगामी विश्व कप को देखते हुए हर टीम पूरी तैयारी में जुटी है लेकिन विश्व कप जीतने की चाह रखने वाली हर टीम को मौजूदा भारतीय टीम के इन 5 गेंदबाजों के खिलाफ एक खास रणनीति के साथ उतरना पड़ेगा. 2015 से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इन भारतीय गेंदबाजों ने भारत की जीत सुनिश्चित करने में 87% भागीदारी निभाई है.