भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार क्रिकेटर स्मृति मंधाना आज अपना 23वां जन्मदिन मना रही हैं. बुधवार को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित की गई स्मृति मंधाना भारतीय बल्लेबाजी का चमकता सितारा हैं.
स्मृति मंधाना का जन्म साल 1996 में मुंबई में हुआ जहां उन्हें घर में ही क्रिकेट का माहौल मिला. स्मृति मंधाना क्रिकेट के साथ ही खाना बनाने की शौकीन हैं और सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव हैं.
स्मृति मंधाना ने अब तक दो टेस्ट, 50 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. टी20 इंटरनेशनल की 56 पारियों में स्मृति मंधाना ने 1298 रन बनाए हैं.
स्मृति मंधाना का टी20 इंटरनेशनल मैच में सर्वोच्च स्कोर 86 रन है. इस प्रारूप में वो अब तक 9 अर्धशतक लगा चुकी हैं. वहीं वनडे की 50 पारियों में मंधाना ने चार शतक और 10 हाफ सेंचुरी के साथ 42.41 के औसत से 1951 रन बनाए हैं.
स्मृति मंधाना का एकदिवसीय प्रारूप में सर्वोच्च स्कोर 135 रन है. वहीं अब तक स्मृति ने केवल दो टेस्ट मैच ही खेले हैं जिनमें स्मृति ने एक हाफ सेंचुरी सहित 81 रन बनाए हैं.
स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी के कायल राहुल द्रविड़ से लेकर मैथ्यू हेडन तक हैं. जब भी उनका बल्ला चलता है तो तकनीक से लेकर ताकत सब अलग अंदाज में दिखाई देता है. इसी वजह से कुछ लोग उन्हें लेडी तेंदुलकर या लेडी सहवाग तक कह देते हैं.
बहुत सारे लोगों की फेवरिट स्मृति मंधाना ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी मैथ्यू हेडेन को अपना आदर्श मानती हैं. 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मंधाना ने 103 रनों की यादगार पारी खेलने के बाद वह पहली बार फैन्स के बीच अपनी बल्लेबाजी और खूबसूरती के लिए चर्चा में आई थी.
स्मृति मंधाना की बल्लेबाजी देख कई क्रिकेट विशेषज्ञों को उनमें श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज कुमार संगकारा की झलक दिखाई देती है. स्मृति मंधाना ने 2017 महिला विश्वकप में शतक लगाया था और सबसे कम उम्र में सेंचुरी लगाने वाली पहली भारतीय महिला बल्लेबाज बनीं थी.
स्मृति मंधाना के पिता और भाई जिला स्तर के क्रिकेटर रह चुके हैं जिस कारण उन्हें घर में ही काफी प्रोत्साहन मिला. स्मृति मंधाना केवल 9 साल की उम्र में ही महाराष्ट्र अंडर 15 टीम में आई और जल्द ही अपने बढ़िया खेल के दम पर महाराष्ट्र अंडर 19 टीम में जगह बना पानें में सफल हो गईं.
17 साल की उम्र में जब वेस्ट जोन अंडर 19 क्रिकेट टूर्नामेंट में स्मृति मंधाना ने गुजरात के खिलाफ डबल सेंचुरी लगाई तो उससे राहुल द्रविड़ बहुत प्रभावित हुए. उनकी 150 गेंदों में 224 रनों की पारी को ही देखकर ही द्रविड़ ने अपना बैट उन्हें दिया था. स्मृति ने द्रविड़ के सम्मान की लाज रखी और नए मुकाम हासिल करती गईं.