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Lord Shiva (Social Media)
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विष पीने के बाद भगवान शिव का गला नीला हो गया और इसीलिए उन्हें नीलकंठ भगवान कहा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जहां शिव ने विष पिया था वह स्थान आज कहां है और किस स्थिति में है.
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कहा जाता है कि जब देवासुर संग्राम के बाद समुद्र मंथन हुआ था, लेकिन जब कालकूट नाम का हलाहल विष निकला तो इस विष के हर कोई डर गया था. हर किसी का यही कहना था आखिर ये विष अब किसके पास जाएगा. उस दौरान शिव जी ने संसार के कल्याण के लिए कालकूट नामक हलाहल विष को पीकर अपने कंठ में उसे धारण कर लिया.
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इस विष को पीने की वजह से भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया, माना जाता है कि शिव जी ने यहां 60 हजार साल तक समाधि वाली अवस्था में रह के विष की उष्णता को शांत किया था.
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भगवान भोलेनाथ जिस वट वृष के नीचे समाधि लेकर बैठे थे उसी स्थान पर आज भगवान शिव का स्वयंभू लिंग विराजमान है. आज भी आप मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर नीला निशान देख सकते हैं.
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