मां कामाख्या देवी मंदिर ये मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित है. ये मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यहां देवी भगवती की कोई मूर्ति नहीं है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के शव को काटा था. जिसमें कामाख्या में उनका शरीर का एक अंग गिरा था. जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे थे, वह स्थान शक्तिपीठ कहलाता है. यहां मां भगवती के शरीर के अंग की पूजा की जाती है.
ज्वालामुखी मंदिर ये मंदिर हिमाचल के कालीधार पहाड़ी के बीच मां ज्वालादेवी का मंदिर स्थित है. यहां मां भगवती की जीभ कटकर गिरी थी. यहां ज्वाला नौ रंग की होती है और मंदिर में निकलने वाली ज्वालाएं कहलाती है. लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस बात की जानकारी नहीं है कि यह ज्वाला कहां से निकलती है.
करणी माता मंदिर यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है. इस मंदिर को चूहों वाली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यहां तकरीबन 2500 हजार चूहें मौजूद हैं. ऐसी मान्यता है कि जो लोग सफेद चूहा देख लेता है, उनकी सभी मनोकामना पूरी हो जाती है. इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर के चूहे कभी किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
मेंहदीपुर बाला जी मंदिर यह मंदिर राजस्थान में स्थित है. इस धाम में हनुमान जी के 10 मुख्य सिद्धपीठ शामिल हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान हनुमान जागृत अवस्था में होते हैं. ऐसा बताया जाता है कि जिन लोगों के ऊपर भूत-प्रेत का साया रहता है, यहां आकर उनकी आत्माएं शरीर से निकल जाती है.
काल भैरव मंदिर ये मंदिर उज्जैन में स्थित है. यहां भगवान कालभैरव को शराब चढ़ाई जाती है. इस मंदिर की खास बात यह है कि शराब का प्याला भगवान भारव के मुख पर लगाते ही, ये पल में गायब हो जाती है. इसका पता आज तक कोई नहीं लगा पाया है.