social Media
ऐसी मान्यता है कि दान करने से बड़ा और कोई भी पुण्य नहीं होता है. वेद व्यास कहते हैं कि चंद्र ग्रहण पर किया गया पुण्य काम 1 लाख गुना होता है और सूर्य ग्रहण में किया गया पुण्य कर्म 10 लाख गुना फलदायी साबित होता है.
social Media
सूतक काल से पहले ही दान करने के लिए वस्तुएं निकाल कर सूर्यदेव के पास समक्ष रख दें और ग्रहण खत्म होने के बाद किसी जरूरतमंद को दान कर दें, ऐसा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और नकारात्मक प्रभाव से भी बचा जा सकता है.
social Media
ग्रहण काल में पृथ्वी पर इसकी किरणें पड़ती है इसलिए यह समय साधना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, इस समय की गई साधना का फल शुभ फलदायी होता है.
social Media
अगर आप किसी प्रकार की सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो सूर्य ग्रहण के सूतक काल से ही देवी-देवताओं की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें. इससे आपको सफलता अवश्य मिलेगी.
social Media
ग्रहण के समय पांच चीजें कभी भी अपवित्र नहीं होती है. जैसे कि तुलसीदल, गंगाजल, तिल, जौ और कुश. इसलिए ग्रहण खत्म हो जाने के बाद नहाने के पानी में गंगाजल और ये पांच चीजें मिलाकर स्नान करें. इससे आपके ऊपर इसका नेगेटिव प्रभाव नहीं पड़ता है.