29 अप्रैल को सुबह 6:10ल बजे पर बाबा केदार के कपाट अगले छह महीनों के लिए भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे.
इतिहास में यह पहली बार है जब बाबा केदार के कपाट खुलने के मौके पर साधु-संतों की भीड़ नहीं होगी. श्रद्धालुओं का हुजूम नहीं होगा.
बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली 26 अप्रैल को उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर से विधि-विधान के साथ निकाली गई.
बाबा की डोली पहले दिन हजारों भक्तों की भीड़ में गुप्तकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचती है, जहां पहले दिन बाबा की डोली का रात्रि विश्राम होता है. हालांकि इस बार भक्तों की भीड़ नहीं थी.
दूसरे दिन गुप्तकाशी से बाबा केदार की डोली गौरी कुंड मंदिर पहुंचती है और रात्रि विश्राम इसी स्थान में होता है.
तीसरे दिन बाबा की डोली गौरीकुंड से बाबा केदार के धाम पहुंचती है, जहां अगले दिन सुबह ताई महूरत में बाबा के कपाट खोले जाते है.
कोरोनावायरस के खतरे के चलते पूरे देश में लॉडाउन है ऐसे में आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा नहीं हो सकता. लेकिन लोगों को उम्मीद है कि बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद कोरोना वायरस का अंत हो जाएगा.