Kumbh Mela 2019
प्रयागराज कुंभ में मंगलवार को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान शुरू हुआ. शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी का जुलूस पहुंचा। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुवाई की.
Kumbh Mela 2019
संतों के तेरह अखाड़ों में सात संन्यासी अखाड़े ही नागा साधु बनाते हैं:- ये हैं जूना, महानिर्वणी, निरंजनी, अटल, अग्नि, आनंद और आवाहन अखाड़ा.
Kumbh Mela 2019
पुराणों में कुंभ की अनेक कथाएं मिलती हैं. भारती जनमानस में तीन कथाओं का विशेष महत्व है. लेकिन इस मेले का सबसे रहस्यमयी रंग होते हैं नागा साधु, जिनका संबंध शैव परंपरा की स्थापना से है. नागा साधुओं की लोकप्रियता है. संन्यासी संप्रदाय से जुड़े साधुओं का संसार और गृहस्थ जीवन से कोई लेना-देना न होना. आपको बता दें नागा बाबाओं का जीवन आम इंसान से सौ गुना ज्यादा कठिन होता है
Kumbh Mela 2019
महाकुंभ के दौरान नागा साधु बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है लेकिन हर किसी के लिए नागा बनना संभव नहीं है. नागा साधु बनने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और संन्यासी जीवन जीने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए. सनातन परंपरा की रक्षा करने और इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग संन्यासी अखाड़ों में हर महाकुंभ के दौरान नागा साधु बनने की प्रक्रिया अपनाई जाती है.
Kumbh Mela 2019
कुंभ पर्व प्रत्येक 12 वर्ष पर आता है. प्रत्येक 12 वर्ष पर आने वाले कुंभ पर्व को अब शासन स्तर से महाकुंभ और इसके बीच 6 वर्ष पर आने वाले पर्व को कुंभ की संज्ञा दी गयी है.
Kumbh Mela 2019
कुंभ में 6 शाही स्नान हैं जो 55 दिनों तक चलेगा. इस दौरान करीब 15 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे.