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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन जल में काले तिल, गंगाजल, चीनी या गुड़ और सफेद फूलकर डालकर तर्पण करें. साथ ही 'ॐ पितृभ्य: नम:' इस मंत्र का जाप अवश्य करें. इससे 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है और परिवार के किसी बी व्यक्ति पर कोई परेशानी नहीं आती है.
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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन संध्या के समय घर के ईशान कोण दिशा में घी का दीपक जलाएं. ऐसी मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी घर में विराजती हैं और आर्थिक तंगी जैसी परेशानियां दूर हो जाती है.
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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शाम के समय काले कुत्ते को रोटी में सरसों तेल लगाकर लगाकर खिलाने से केतू के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है और शनिदेव के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है. अगर आप व्यापार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो काले कुत्ते की सेवा करने से शुभ फल मिलता है.
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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन काले कपड़े, सरसों का तेल, लोहे, उड़द दाल आदि का दान करना बहुत शुभ होता है, साथ ही इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को खाना जरूर खिलाएं. ऐसा करने से कर्म फलदाता शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को कभी पैसों की कमी नहीं होती है.
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ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत का संयोग भी बन रहा है, अब ऐसे में अखंड सौभाग्य के लिए वट वृक्ष को कच्चे दूध, गंगाजल से सीचें और फिर पेड़ के नीचे ही 11 सुहागिनों को सुहाग की सामग्री दान करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे त्रिदेव और यमराज बहुत प्रसन्न होते हैं. पति के ऊपर किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है.