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Hanuman Jayanti 2019: देशभर में हनुमान जयंती की धूम, जानें इसका महत्व

धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. इस पर्व को हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है. हनुमान भक्तों के लिए कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है.

News Nation Bureau | Updated : 19 April 2019, 02:15:00 PM
Hanuman Jayanti 2019

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देशभर में हनुमान जयंती धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. लोग बड़े ही श्रद्धा-भाव से सिद्धिपीठ हनुमान मंदिर पहुंच रहे है. सुबह से हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. विश्व में भक्ति और शक्ति के आदर्श वीर हनुमान भगवान राम के भक्त थे. माता अंजनि के पुत्र हनुमान को पवन पुत्र कहा जाता है.
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धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. इस पर्व को हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है. हनुमान भक्तों के लिए कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. हनुमान जी को भगवान शिव के अवतार के रुप में भी जाना जाता है.
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हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने से कई तरह के फायदे होते हैं. हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुख और परेशानियां दूर हो जाती है.
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शक्ति और साहस का प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान की इस चालीसा में 3 दोहे और 40 चौपाई लिखी गई हैं. जिसमें से पहली चौपाई 'जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर' सबसे प्रसिद्ध है.
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हनुमान भक्त हनुमान जी की प्रार्थना उनके जैसा बल, बुद्धि, ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए करते हैं. इनके भक्तों के द्वारा इनकी पूजा बहुत से तरीकों से की जाती है. कुछ लोग अपने जीवन में शक्ति, प्रसिद्धी, सफलता आदि प्राप्त करने के लिए बहुत समय तक इनके नाम का जाप करने के द्वारा ध्यान करते हैं.
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भगवान हनुमान प्रभु श्रीराम के परम भक्त थे. परम भक्त होने के बावजूद हनुमान ने श्रीराम के साथ युद्ध भी किया था. एक बार गुरु विश्वामित्र किसी वजह से हनुमानजी से नाराज हो गए और उन्होंने श्री राम को हनुमान को मारने के लिए कहा. राम क्योंकि वह गुरु की आज्ञा नहीं टाल सकते थे, इसलिए उन्होंने अपने भक्त पर प्रहार किए लेकिन इस दौरान हनुमान, राम नाम जपते रहे जिसके चलते उनके ऊपर किसी प्रहार का प्रभाव नहीं हुआ और सारे शस्त्र विफल हो गए.