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तीर्थयात्री इस यात्रा के दौरान सबसे पहले यमुनोत्री (यमुना) और गंगोत्री (गंगा) का दर्शन करते हैं. फिर यहां से पवित्र जल लेकर केदारेश्वर पर जलाभिषेक करते हैं. उसके बाद अंत में बद्रीनाथ धाम के दर्शन करते हैं.
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गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के समय सहस्त्रनाम और गंगा लहरी का पाठ किया जाता है. गंगोत्री में स्थित गौरी कुंड के बारे में कहा जाता है कि यहां गंगा खुद भगवान शिव की परिक्रमा करती हैं.
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दिनांक 25 अप्रैल दिन मंगलवार को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में केदारनाथ भी शामिल है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने भाईयों की मृत्यु के प्राश्चित करने के लिए यहीं आए थे.
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बद्रीनाथ धाम यात्रा (Badrinath Dham Yatra 2023) चार धाम की यात्रा के लिए बद्रीनाथ धाम के कपाट सबसे अंत में खोला जाएगा. बद्रीनाथ धाम 27 अप्रैल को खुलेगा. इसके कपाट खोलने के लिए सुबह 7 बजकर 10 मिनट का समय तय किया गया है. बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से नर-नारायण ऋषि की तपोभूमी माना जाता है.