स्त्रियों के लिए विवाह के बाद बैसाखी का पहला पर्व बहुत खास माना जाता है. ये पर्व खासकर पंजाबी समुदाय के लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं. अब ऐसे में बैसाखी के दिन नवविवाहिताओं को मेंहदी जरूर लगानी चाहिए और अनाज का दान अवश्य करें. क्योंकि मेंहदी सुहागिन का प्रतीक होता है. इस पर्व पर गेहूं का दान अवश्य करें. इससे धन और अन्न भंडार हमेशा भरे रहते हैं.
इस दिन महिलाओं को सत्तु का दान जरूर करना चाहिए और सेवन भी करना चाहिए. क्योंकि सत्तू का संबंध सूर्य, मंगल और गुरु से है. इससे व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है.
इस दिन पति-पत्नी को गुरुद्वारे अवश्य जाएं और दीप जलाकर अपने सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करें. इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है.
इस दिन स्नान करने के बाद पीले मीठे चावल भगवान को भोग लगाएं. इससे ससुराल पक्ष के बीच मिठास बनी रहती है.
बैसाखी के दिन आटे का दीया बनाकर घी का दीपक जलाएं और उसमें गेहूं के दानें डालें और उस दीए को घर के ईशान कोण में जलाएं. इससे मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती है.