आषाढ़ माह को मनोकामना पूर्ति का महीना कहा जाता है. वहीं आषाढ़ अमावस्या की शाम को घर के ईशान कोण में एक दीपक जलाएं, उसमें गाय के घी, केसर और लाल धागे वाली बत्ती का उपयोग करें. ऐसी मान्यता है इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और धन-धान्य में भी वद्धि होती है.
आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी पर ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन जरूर कराएं. छाता, आंवला ,जूते-चप्पल और नमक आदि का दान करना सबसे अच्छा माना जाता है. ऐसा कहते हैं, कि वैवाहिक जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है.
इसी माह में देवी की साधना से शत्रु पर विजय प्राप्ति का वरदान भी मिलता है. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि के 9 दिन ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नम: मंत्र का रोजाना जाप करें. इससे शत्रुओं से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है. साथ ही बिगड़े काम बन जाते हैं.
साल के 12 माह में एकमात्र आषाढ़ का महीना ऐसा होता है, जिसमें यज्ञ कराने से उसके फल की शीघ्र प्राप्ति होती है. आषाढ़ में यज्ञ और हवन के प्रभाव से गंभीर रोगों से छुटकारा मिल जाता है. साथ ही घर में मौजूद नकारात्मकता का नाश भी होता है.
अगर आप नौकरी और व्यापार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो आषाढ़ माह की पूर्णिमा और अमावस्या पर पितरों के निमित्त तर्पण करें, इससे आपका किस्मत जल्द चमक जाएगा.