गणतंत्र दिवस
राष्ट्रगान, एक राष्ट्रीय गीत, एक सार्वजनिक सभी को मिलकर गाने वाला एक सांस्कृतिक माध्यम है जो एक राष्ट्र की एकता और गर्व को प्रतिष्ठित करता है. भारतीय राष्ट्रगान का इतिहास उसकी महत्वपूर्णता को सुनिश्चित करता है और इसका मूल उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और समरसता को बढ़ावा देना है.
गणतंत्र दिवस
भारतीय राष्ट्रगान का आरंभ 27 दिसम्बर 1911 को हुआ था. इसे तब 'भारत भाग्य विधाता' कहा जाता था और इसके संगीतकार पंडित बंकिम चन्द्र चटर्जी थे. सन् 1937 में, भारत सरकार ने इसे राष्ट्रगान के रूप में स्वीकृत किया.
रवीन्द्रनाथ टैगोर
राष्ट्रगान का संगीत भारतीय संगीतकला की अद्वितीयता को दिखाता है और इसमें भारतीय संगीत साहित्य की गहराईयों का अभ्यास किया गया है. इसे पंडित रविन्द्रनाथ ठाकुर ने बच्चों के लिए आसान बनाया, ताकि हर वर्ग का व्यक्ति इसे आसानी से गा सके.
रिपब्लिक डे 2024
राष्ट्रगान के शब्द विभिन्न भाषाओं में लिए जाते हैं और यह सुनिश्चित करता है कि सभी नागरिक इसे समझ सकें और इसमें सम्मिलित हो सकें. यह राष्ट्रीय एकता के भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्र के सभी क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करता है.
रिपब्लिक डे 2024
राष्ट्रगान एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है जो हर समय राष्ट्रीय समर्पण और एकता का भाव बोती है. यह सभी विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से जुड़े लोगों को एक सजग और एकजुट राष्ट्र की भावना में समर्थ करता है.
रिपब्लिक डे 2024
राष्ट्रगान एक ऐसा सांस्कृतिक धरोहर है जो हमें राष्ट्रीय समर्पण और एकता की महत्वपूर्णता को समझाता है. इसके माध्यम से हम सभी एक एक साथ होकर भारतीय अभिवादन का एक संगीत रचते हैं और राष्ट्र के साथ जुड़े रहते हैं. इसे हमारी आत्मा का एक हिस्सा मानकर हम सभी इसे गर्व से गाते हैं और राष्ट्रीय प्राइड का अहसास करते हैं.