मुजफ्फरनगर रेल हादसे में अबतक 23 लोगों की जा चुकी है जान (पीटीआई)
यूपी के मुजफ्फरनगर में पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गई। इस भीषण हादसे में 23 लोगों की अबतक जान जा चुकी है जबकि 70 से ज्यादा लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। मोदी सराकर के अबतक के कार्यकाल में ये 8 वां बड़ा रेल हादसा है और इसमें ज्यादातर बड़े हादसे देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में ही हुए हैं। एक तरह केंद्र सरकार देश में बुलेट ट्रेन लाने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ आए दिन रेलवे की गलतियों की वजह से हादसे होते रहते हैं। एक नजर उन बड़े रेल हादसों पर जो मोदी सरकार के कार्यकाल में हुआ है।
पुखरायां रेल हादसा (2016)
कानपुर के पास पुखरायां में बड़ा रेल हादसा हुआ था जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। सरकार ने इस हादसे में आतंकी साजिश होने की भी आशंका जताई थी।
बछरावां रेल (2015 )
20 मार्च 2015 को देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस यूपी के बछरावां रेलवे स्टेशन से थोड़ी ही दूरी पर पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोगों मारे गए थे।
मुरी एक्सप्रेस हादसा (2015)
साल 2015 में में यूपी के कौशांबी जिले के सिराथू रेलवे स्टेशन पर मुरी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
कामायनी एक्सप्रेस और पटना मुंबई जनता एक्सप्रेस हादसा (2015)
साल 2015 में मुंबई-वाराणसी एक्सप्रेस इटारसी में डीरेल हो गई थी जबकि पटना-मुंबई जनता एक्सप्रेस भी पटरी धंसने से हादसे का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना में 31 लोगों की मौत हो गई थी।
रायगढ़ रेल हादसा (2014)
महाराष्ट्र के रायगढ़ में ट्रेन का इंजन और 6 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 20 लोगों की मौत और 120 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हो गए थे।
गोरखधाम एक्सप्रेस दुर्घटना ( 2014)
26 मई को यूपी के संत कबीर नगर के चुरेन रेलवे स्टेशन के पास गोरखधाम एक्सप्रेस की मालगाड़ी से सीधी टक्कर हो गई थी। इसमें 22 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
भदोही ट्रेल एक्सीडेंट
बीते साल 25 जुलाई को यूपी के भदोही में मडुआडीह-इलाहाबाद पैसेंजर ट्रेन से एक स्कूली वैन टकरा गई थी जिसमें 7 बच्चों की जान चली गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
ऐसे में सवाल उठते हैं कि जब बीते तीन सालों में मोदी सरकार के कार्यकाल में ही 8 बड़े रेलहादसों में 280 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तो देश में बुलेट ट्रेन कितना सफल होगा।