यूएन में डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति संबोधित किया। यहां भी अपने अंदाज में उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिका को कभी भी उससे खतरा या भय जैसी स्थिति महसूस हुई, तो उसे उत्तर कोरिया को तबाह करना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किम जोंग पर निशाना साधते हुए कहा, 'रॉकेट मैन अपने लोगों और भ्रष्ट शासन के लिए आत्मघाती मिशन पर है। उन्होंने कहा कि विश्व पहली बार दुष्ट राज्य और आतंकवादी व कट्टरपंथी देशों द्वारा विघटनकारी धमकी का सामना कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने के पहले से ही मीडिया पर भी तीखा हमला करते आए हैं। मीडिया में खुद की आलोचना किए जाने पर ट्रंप ने अखबारों और चैनलों को साधे हाथ लिया है। इसी साल जुलाई महीने में ट्रंप ने एक ट्वीट कर कहा था कि 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' और उसके 'खराब एजेंडे' के कारण इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबु बकर अल-बगदादी को पकड़ा नहीं जा सका था। साथ ही न्यूयॉर्क टाइम्स, एनबीसी न्यूज, एबीसी, सीबीएस, सीएनएन जैसे मीडिया समूहों को फेक न्यूज मीडिया कहा था। एक बार वो महिला पत्रकार को सरेआम फलर्ट करते भी देखे गए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
इससे पहले इसी साल जून में डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को अलग कर दुनिया को चौंका दिया था। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में ही इस कदम के बारे में अपना रुख को स्पष्ट कर दिया था। ट्रंप ने यह भी कहा था कि भारत और चीन इस समझौते से अरबों रुपये की विदेशी मदद पा रहा है। आपको बता दें कि पेरिस जलवायु समझौता 2015 में हुआ था, जिस पर 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 27 जनवरी 2017 को 7 मुस्लिम बहुल देशों इराक, ईरान, लीबिया, लेबनान, दक्षिण सूडान, यमन और सीरिया के नागरिकों पर 90 दिनों के लिए अमेरिका में एंट्री पर बैन लगा दिया था। उस वक्त ट्रंप ने खुशी जताते हुए कहा था कि राष्ट्रपति के रूप में मैं ऐसे लोगों को अपने देश में आने की इजाजत नहीं दे सकता, जो हमें नुकसान पुहंचाना चाहते हैं। इस फैसले के बाद ट्रंप की नीतियों की उदारवादी नेताओं ने काफी आलोचना की थी।
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ के कुछ ही दिनों बाद एच1बी वीजा नीतियों पर बदलाव की घोषणा कर भारत आईटी प्रोफेशनल्स के लिए भी एक संकट खड़ा कर दिया था। अमेरिकी कांग्रेस में बिल पेश होने के बाद भारत की आईटी कंपनियों बेहद दबाव में आ गई थी और उनके शेयरों में लगातार गिरावट हुई थी। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज आईटी कंपनियों ने भी ट्रंप की इस नीति का विरोध किया था, क्योंकि वहां काम करने वाले अधिकतर प्रोफेशनल विदेशी ही हैं, उसमें भी ज्यादातर भारत से ही है।
डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादित बयान देते हुए अमेरिका और मैक्सिको की सीमा पर बड़ी दीवार खड़ी करने का आदेश दिया, ताकि अवैध अप्रवासी पड़ोसी देश से न आ पाए। इसके अलावा बाहरी शरणार्थियों को अमेरिका में बैन करने के उद्देश्य से ट्रंप ने इस तरह का कई बयान राष्ट्रपति बनने के बाद दिया है। जिससे वे मीडिया में भी आलोचना का शिकार होते आए हैं।