पाटीदार आंदोलन
गुजरात में लंबे वक्त से आरक्षण मांग रहा पाटीदार समाज अगस्त 2015 में हिंसक हो गया। इस दौरान समाज का नेतृत्व महज 22 साल के हार्दिक पटेल कर रहे थे। इनके नेतृत्व में महारैली का आयोजन किया गया जिसमें 18 लाख लोग इकट्ठा हुए थे। भीड़ ने ऐसा तांडव किया कि 16 पुलिस थानों में ही आग लगा दी। इस दौरान एक की मौत हो गई। सरकार ने इस आंदोलन को रोकने के लिए पूरे गुजरात के कई जगहों पर कर्फ्यू लगाया था।
जाट आंदोलन
फरवरी 2016 में शुरू हुए इस आंदोलन ने पूरे देश को चिंता में डाल दिया था। दरअसल जाट पिछले कई सालों से आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन इस आंदोलन में आंदोलनकारियों ने हरियाणा के मुरथल में 10 महिलाओं के साथ बदसलूकी और गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना से पूरे देश हलचल मच गई थी।
सहारनपुर में हिंसा
सहारनपुर में ठाकुर और दलित आमने सामने आ गए। इस दौरान मात्र एक जुलूस निकालने को लेकर शुरू हुआ विवाद पूरे जिले के कई गांवों तक आग की तरह फैल गया। दलित और ठाकुरों के बीच हिंसक झड़प हुई। ठाकुरों ने दलितों के घरों में आग लगा दी। वहीं दलितों ने भीमसेना के साथ जाकर ठाकुरों पर हमला बोल दिया। इस संघर्ष के शुरू होने के करीब एक महीने बाद भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई है।
किसान आंदोलन
महाराष्ट्र में भड़के किसान आंदोलन के बाद मध्यप्रदेश में भी किसानों ने सरकार से अपने हक की मांग की। इस दौरान आंदोलन हिंसक हो गया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा दी। इस गोलीबारी में 5 किसानों की मौत हो गई। पूरे प्रदेश में हालत बद से बदतर हो गए। ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मध्यप्रदेश पहुंचे और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। हालात अब भी काबू से बाहर हैं।