सांपों को अच्छी तरह से सुनाई जाने वाली ध्वनियों को उनकी पास-पास की परिस्थितियों के साथ संवाद करने की क्षमता होती है. इसका मतलब है कि सांप बहरे नहीं होते हैं. उन्हें अपने परिवार या आस-पास के जीवों की गतिविधियों के लिए आसानी से ध्वनि सुनाई देती है.
इसके बावजूद, कई लोग यह सोचते हैं कि सांप बहरे होते हैं क्योंकि उन्हें आंखों की अभावता होती है. यह सोच गलत है. बिल्कुल सही है कि सांप की आंखें उनके शरीर के साथ असमर्थ हो सकती हैं, लेकिन यह उनके सुनने की क्षमता पर कोई असर नहीं डालता.
बता दें कि सांप के कान बाहर नहीं दिखते हैं क्योंकि उनका कान बस एक छोटी सी हड्डी होती है, जो उनके जबड़े की हड्डी को भीतरी कान की नली से जोड़ती है, जैसे ही कोई जानवर या इंसान इनके पास पहुंचने की कोशिश करते हैं तो उसकी आहट को ये अपनी त्वजा से महसूस कर लेते हैं. यहीं ध्वनी जबड़े की हड्डी से होती हुई भीतरी नली तक पहुंचती है.
सांपों की अद्भुत गतिशीलता और उनकी ध्वनि की प्राप्ति के लिए उनके सिर के पास स्थित कानों और जिभाई की अनूठी रचना है. इन अंगों की सहायता से, सांप अपनी परिस्थितियों को बेहतर से बेहतर समझते हैं और अपने लिए स्वाभाविक खतरों से बचाव करते हैं.