फोटो में देखें सजायाफ्ता नेता, SC ने आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी पर EC से मांगा जबाब
See pics of convicted MPs MLAs Supreme court asks Ec to clear stand on Lifetime ban
News Nation Bureau | Updated : 12 July 2017, 03:02:20 PM
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आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता एमएलए (विधायक) या एमपी (सांसद) पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से अपनी स्थिति साफ़ करने के कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, 'आप अपना पक्ष साफ क्यों नहीं करते कि सजा पाने वालों पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी का समर्थन करते है या नही?'
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इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि वो सजायाफ्ता एमएलए या एमपी पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी नहीं चाहते हैं।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, 'आपने अपने हलफ़नामे में कहा कि आप याचिका का समर्थन करते हो ? लेकिन अभी सुनवाई के दौरान आप कह रहे हो कि आपने बस राजनीति से अपराधीकरण की मुक्ति को लेकर समर्थन किया है। इसके मायने क्या माने जाएं?'
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बता दें कि भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी। अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने मांग की है कि वैसे नेता या नौकरशाह जिनके ख़िलाफ़ मुकदमे की सुनवाई चल रही है उसे एक साल में पूरा करने के लिये स्पेशल फास्ट कोर्ट बनाया जाये। याचिका में ये भी कहा गया है कि सजायाफ़्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा 'आप खमोश क्यों हैं? देश के एक नागरिक ने याचिका दाखिल की है और कहा है कि ऐसे लोगों पर आजीवन पाबंदी लगानी चाहिए आप इसका समर्थन करते हैं या विरोध, जो भी है उसका जवाब हां या न में दें।'
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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ये भी कहा कि क्या विधायिका आपको इस मुद्दे पर कुछ कहने से रोक रही है तो आप कोर्ट को बताएं।
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दरअसल चुनाव आयोग ने हलफनामे में याचिका का समर्थन किया था लेकिन सुनवाई के दौरान उसका कहना था कि इस मुद्दे पर विधायिका ही फैसला कर सकती है। मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।