लालू यादव (RJD): चारा घोटाले में 5 साल की सज़ा
आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता एमएलए (विधायक) या एमपी (सांसद) पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से अपनी स्थिति साफ़ करने के कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, 'आप अपना पक्ष साफ क्यों नहीं करते कि सजा पाने वालों पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी का समर्थन करते है या नही?'
रशीद मसूद(INC): एमबीबीएस सीट घोटोले में 4 साल की सज़ा
इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि वो सजायाफ्ता एमएलए या एमपी पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी नहीं चाहते हैं।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, 'आपने अपने हलफ़नामे में कहा कि आप याचिका का समर्थन करते हो ? लेकिन अभी सुनवाई के दौरान आप कह रहे हो कि आपने बस राजनीति से अपराधीकरण की मुक्ति को लेकर समर्थन किया है। इसके मायने क्या माने जाएं?'
जगदीश शर्मा(RJD): चारा घोटाले में 2 साल की सज़ा
बता दें कि भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की थी। अपनी याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने मांग की है कि वैसे नेता या नौकरशाह जिनके ख़िलाफ़ मुकदमे की सुनवाई चल रही है उसे एक साल में पूरा करने के लिये स्पेशल फास्ट कोर्ट बनाया जाये। याचिका में ये भी कहा गया है कि सजायाफ़्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए।
बबनराव घोलाप (SS): आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3 साल की सज़ा
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा 'आप खमोश क्यों हैं? देश के एक नागरिक ने याचिका दाखिल की है और कहा है कि ऐसे लोगों पर आजीवन पाबंदी लगानी चाहिए आप इसका समर्थन करते हैं या विरोध, जो भी है उसका जवाब हां या न में दें।'
सुरेश हलवांकर (BJP): बिजली चोरी के आरोप में 3 साल की सज़ा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को ये भी कहा कि क्या विधायिका आपको इस मुद्दे पर कुछ कहने से रोक रही है तो आप कोर्ट को बताएं।
टी एम सेल्वागणपति(DMK): भ्रष्टाचार मामले में दो साल की सज़ा
दरअसल चुनाव आयोग ने हलफनामे में याचिका का समर्थन किया था लेकिन सुनवाई के दौरान उसका कहना था कि इस मुद्दे पर विधायिका ही फैसला कर सकती है। मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।