'विश्व बाल दिवस'
'विश्व बाल दिवस' के मौके पर यूनिसेफ की तरफ से दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर
यूनिसेफ की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों बच्चे हिस्सा लेने पहुंचे। भारत रत्न और दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने युवाओं को अपने सपनों को जानने और उनका पीछा करने की नसीहत दी है।
क्रिकेट के गुर सिखाए
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले तेंदुलकर ने ना सिर्फ बच्चों के साथ समय बिताया बल्कि उनके साथ क्रिकेट भी खेला। इस दौरान मास्टर ब्लास्टर ने बच्चों को क्रिकेट के गुर भी सिखाये।
सचिन
सचिन के मुताबिक बचपन में वह भी काफी शरारती थे। लेकिन मुल्क की तरफ से खेलने का सपना देखने वाले सचिन समय के साथ खुद-बखुद अनुशासित हो गये।
बच्चों पर ना बनाए दबाव
बातचीत के दौरान सचिन ने आजकल के पैरेंट्स से भी बच्चों पर किसी तरह का दबाव ना बनाने की गुजारिश की
20 नवंबर का इतिहास
आपको बता दें कि 20 नवंबर का इतिहास में खास महत्व रहा है क्योंकि इसी दिन, साल 1959 में यूएन जनरल एसेंबली ने बाल-अधिकारों से संबंधित घोषणा-पत्र को अपनाया गया था और साल 1990 में इसे व्यावहारिक रूप से लागू कर दिया गया इसलिए 'विश्व बाल दिवस' लिए इस खास तारीख को चुना गया।