News Nation Logo

ईद के लिए तैयारियों में जुटे लोग, खरीददारी के लिए बाजारों में भीड़

रमजान का अंतिम जुमा (जुमा अलविदा) शुक्रवार को है। रमजान के रोजों के बाद खुशियों का त्योहार ईद मनाया जाता है। ईद की तैयारियों में लोग जोर-शोर से लगे हुए हैं।

News Nation Bureau | Updated : 22 June 2017, 03:48:54 PM
ईद के लिए खरीददारी करती युवती (फोटो-PTI)

ईद के लिए खरीददारी करती युवती (फोटो-PTI)

1
रमजान का अंतिम जुमा (जुमा अलविदा) शुक्रवार को है। रमजान के रोजों के बाद खुशियों का त्योहार ईद मनाया जाता है। ईद की तैयारियों में लोग जोर-शोर से लगे हुए हैं। पुरुष कपड़ों और महिलाएं श्रृंगार के सामान के साथ-साथ चूड़ियों की जमकर खरीददारी कर रही हैं।
जुमा अदा करते लोग (फोटो-PTI)

जुमा अदा करते लोग (फोटो-PTI)

2
रमजान के 21 रोजे पूरे हो चुके हैं। रमजान का आखिरी जुमा (अलविदा) 23 जून को मनाया जाना है, जिसे लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क है। वहीं अलविदा को लेकर मस्जिदों में भी तैयारी शुरू हो गई है। ईद का पर्व रमजान के पूरे रोजे के बाद खुशियों के रूप में मनाया जाता है। आधे रमजान के बाद ईद की तैयारी बाजार में शबाब पर पहुंचने लगती है।
ईद के लिए तैयारियों में जुटे लोग (फोटो-PTI)

ईद के लिए तैयारियों में जुटे लोग (फोटो-PTI)

3
चौक एवं बाजारों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कपड़ों की दुकानें तरह-तरह के डिजाइनों के कपड़ों से सजे हुए हैं। महिलाएं भी फैंसी ड्रेस खरीद रही हैं। महंगाई एवं मंदी के बावजूद महिलाओं का हुजूम बाजार में दिख रहा है।
ईद के लिए तैयारियां (फोटो-PTI)

ईद के लिए तैयारियां (फोटो-PTI)

4
दुकानदारों का कहना है कि इस बार दुकानदारी में कुछ कमी जरूर रही है। जो महिलाएं तीन से चार सूट खरीदती थीं। उन्होंने इस बार दो सूट से ही काम चलाया है। कपड़ों की दुकानों में भी लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है। फिल्म व धारावाहिक में कलाकारों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों की जमकर मांग है, जिसको पूरा करने में दुकानदार जुटे हुए हैं।
नमाज अदा करते बच्चे (फोटो-PTI)

नमाज अदा करते बच्चे (फोटो-PTI)

5
ईद के त्योहार में बनने वाले पकवानों में दूध एवं खोये का विशेष महत्व है, क्योंकि सेवइयों में दूध एवं खोया की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसलिए लोगों ने इसके आर्डर पहले से ही देना शुरू कर दिए हैं। दूध एवं खोये का कारोबार करने वाले लोगों ने बताया कि मांग के मुताबिक, वह अभी से खोये की तैयारियों में जुटे हैं, क्योंकि त्योहार के दिन दूध मिलना बेहद मुश्किल होता है।