भारत-चीन
भारत को 1962 के युद्ध का 'ऐतिहासिक सबक याद रखने' की नसीहत पर करारा पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पड़ोसी देश चीन को करारा जवाब दिया। 1962 और आज के भारत में काफी अंतर है। आज चीन अपने उत्पादों द्वारा बाजार पर पकड़ बनाये हुए है। भारत में पिछले साल चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने कुल बाजार की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा कर लिया है।
वन प्लस
चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वनप्लस भारतीय इलेक्ट्रॉनिक बाजार में खूब धमाल मचा रही है। वन प्लस 5 और टी थ्री जैसे स्मार्टफोन के मॉडल खूब पसंद किये जा रहे है।
ओप्पो
ओप्पो चीन की एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी है। कंपनी अपने स्मार्टफोन के लिए जानी जाती है। ओप्पो एमपीथ्री प्लेयर, पोर्टेबल मीडिया प्लेयर से लेकर एलसीडी टीवी तक बनाती है। ओप्पो बाजार में कई रेंज के स्मार्टफोन उतार चुका है।
शाओमी
शाओमी चीनी कंपनी है जो एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन डिज़ाइन और डेवलप करती है। शाओमी फिटनेस ट्रैकर, एयर प्यूरीफायर और टैबलेट तक भी बनाती है। भारत में शाओमी फ़्लैश सेल के जरिये ऑनलाइन स्टोर की मदद से अपने स्मार्टफोन बेचती है। शाओमी इंडिया ने स्मार्टफोन बिक्री के मामले में भारत में दो सालों में एक अरब का आंकड़ा छू लिया है।
वीवो
चीनी कंपनी वीवो की स्थापना 2009 में हुई थी। यह उन चुनिंदा चीनी कंपनियों में शामिल है जिन्होंने स्मार्टफोन बेचने के लिए भारत में एंट्री की है। कंपनी कम कीमत और मिड रेंज स्मार्टफोन बनाती है।
चीनी कपड़ों
चीनी कपड़ों की बाजार में भरपूर मांग रहती थी। कपड़ा कारोबार में अब तक लगभग 20 प्रतिशत तक चीनी कपड़ों की हिस्सेदारी होती थी।
चीनी लाइट
त्यौहारों पर चीनी लाइटों की मांग खूब होती है। सस्ती और कई वैरायटी होने के कारण इनकी मांग लगातर बढ़ जाता है।
लेनोवो
इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन के मुताबिक पिछले साल तीसरी तिमाही में सैमसंग के बाद सबसे ज्यादा बिक्री चीनी कंपनी लेनोवो के फोन की रही।
चीनी कंपनी
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्मार्टफोन के बाजार में 50 फीसद ज्यादा कब्जा चीनी कंपनियों का है। शाओमी वीवो और ओप्पो से ऊपर है। भारतीय मार्केट में वीवो का 12 फीसदी और ओप्पो का 10 फीसदी ग्राहकों पर कब्जा है।