पीएम मोदी
नरेंद्र मोदी का 45 साल का राजनीतिक जीवन एक तपस्या से गुजरा हुआ है. किसी अखबार वाले ने या टीवी वाले ने मोदी के पक्ष में बड़ी-बड़ी बातें लिख करके टीवी पर शो करके मोदी को नहीं बनाया.
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अगर मुझे मीडिया ने बनाया होता तो मीडिया द्वारा बर्बाद हो जाता. आज वो मीडिया के कंधे पर बंदूकें रखकर इतनी गोलियां चला रहे हैं, मेरी जिंदगी छलनी हो जानी चाहिए थी. नहीं हो रही है. उसका मूल कारण है यह किसी की कृपा से नहीं, सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद के कारण मोदी है.
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मेरे दिमाग में सवा सौ करोड़ देशवासी होते हैं. उनके सपने होते हैं, उनको पूरा करने का मेरा प्रयास होता है और वही करता हूं.
पीएम मोदी
आप अपनी जेब में पर्स रखते हैं क्या? पीएम मोदी : पहले तो पैसे थे ही नहीं कि बटुआ रखना पड़े. पहली बार विधायक बना तो सरकार की ओर से पैसे आने लगे तो बैंक में खाते खुले. खाते में पैसे आने लगे. हर महीना जो भी मेरा खर्च होता है उतना मैं उठाता हूं, वो भी मेरा स्टाफ होता है, उस दे देता हूं कि दाल-सब्जी का खर्च मैनेज करे.
पीएम मोदी
मैं अपने जीवन में बहुत अनुशासित रहा हूं और जो काम सर्वजन हित के लिए होंगे तो उसी को करना मैं पसंद करता हूं.
पीएम मोदी
बचपन में जाकर मुफ्त में फिल्म देखता था. मेरा एक दोस्त था दशरथ, उसके पिताजी थिएटर के बाहर चॉकलेट, चना वगैरह बेचते थे. थिएटर में सीट खाली होने पर वे हमको अंदर घुसा देते थे.
पीएम मोदी
मैं तो चैलेंज करता हूं कि आओ विकास पर बहस करो. वो ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि इसके लिए अध्ययन करना पड़ेगा और साथ ही 70 साल का हिसाब देना पड़ेगा.
पीएम मोदी
जब पुलवामा हुआ सबसे पहले बयान आया कहां है 56 इंच, क्या कर रहा है मोदी. जब हमने एयर स्ट्राइक किया तो सवाल उठाते हैं कि क्यों किया, फिर कहते हैं कि बोलते क्यों हो. अब इसका क्या जवाब हो सकता है
पीएम मोदी
अभी हमने मिसाइल से सैटेलाइट गिराने में सफलता हासिल की. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. हम दुनिया की चौथी महाशक्ति बने गए.
पीएम मोदी
हम दुनिया की चौथी महाशक्ति बने गए. अब उनकी शिकायत है कि चुनाव के समय ऐसा क्यों हुआ, टीवी पर आकर क्यों बोले. यह ग्लोबल कम्युनिटी के लिए जरूरी होता है, उनको यह समझना चाहिए. अगर पुणे में रोड पर गड्ढा है तो मोदी जिम्मेदार है, लेकिन इतनी बड़ी उपलब्धि वैज्ञानिकों ने हासिल की.