क्यों महत्वपूर्ण है ये दौरा
भारत के प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इजराइल के तीन दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजराइल के दौरे पर जा रहे हैं।
दोनों देशों के बीच राजनायिक इतिहास
इस साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का 25 साल पूरा होने जा रहा है। भारत के सैन्य हथियारों का इजरायल तीसरा बड़ा सप्लायर है। इस दौरान व्यापारिक रिश्ते भी हैं और इस यात्रा के दौरान इससे जुड़े कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे।
दोनों देशों के बीच राजनायिक इतिहास
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे और आतंकवाद, व्यापार और रक्षा के क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमलों में बच गए इजराइली बच्चे मोशे से मिलेंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है इजराइल
भारत को अवाक्स सिस्टम देता है इजराइल। मिसाइल, एंटी मिसाइल सिस्टम, यूएवी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की टेक्नोलॉजी भारत को बेच रहा है।
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
भारत ने इजराइल को एक देश के रूप में 1950 में मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध 1992 में बने थे। 1977 में इजराइल से राजनयिक संबंध बेहतर करने की कोशिश हुई।
दोनों देशों के बीच राजनायिक इतिहास
1985 में संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इजराइली प्रधानमंत्री शिमोन पेरेज से की मुलाकात की थी। 1992 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध की शुरुआत की। जिसके बाद विदेश मंत्री जसवंत सिंह 2003 में इजराइल गए।